500 Rupees Latest News – पिछले कुछ समय से 500 रुपये के नोट को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चाएं हो रही थीं। खासकर तब से जब सरकार ने 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया। लोगों में यह डर बैठ गया कि कहीं अब 500 रुपये के नोट का भी वही हाल न हो जाए। इस डर को और हवा दी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उन नोटों ने जिनमें स्टार का निशान बना हुआ था। कई जगहों पर यह कहा गया कि स्टार मार्क वाले नोट नकली हैं और इन्हें लेने से बचना चाहिए। लेकिन अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने इस पूरे मामले पर अपना बयान जारी कर दिया है और लोगों की सारी भ्रांतियां दूर कर दी हैं।
क्या कहा आरबीआई ने
आरबीआई ने हाल ही में एक स्टेटमेंट जारी किया है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि स्टार मार्क वाला 500 रुपये का नोट पूरी तरह से असली है। इसमें किसी भी तरह का कोई फर्जीवाड़ा नहीं है। आरबीआई ने बताया कि स्टार मार्क सिर्फ एक तकनीकी चीज है जो यह दर्शाता है कि यह नोट रीप्रिंटेड यानी दोबारा छापा गया नोट है। इसका मतलब यह नहीं है कि नोट नकली है या उसकी वैधता में कोई कमी है।
क्या होता है स्टार मार्क
स्टार मार्क वह चिन्ह है जो नोट के नंबर में दिखाई देता है। जब आप किसी नोट के सीरियल नंबर को देखेंगे तो आपको तीन अक्षरों के बाद एक छोटा सा स्टार दिखाई देगा और फिर बाकी नंबर होंगे। उदाहरण के लिए अगर नोट का नंबर है ABF*657842 तो इसमें स्टार इस बात का संकेत है कि यह नोट मूल प्रिंटिंग के दौरान किसी गड़बड़ी के कारण खराब हुआ था और उसे फिर से प्रिंट किया गया है।
आरबीआई का कहना है कि इस तरह के नोट बिल्कुल असली होते हैं और इन्हें बाकी नोटों की तरह ही कानूनी मान्यता प्राप्त है। यानी अगर आपको कोई स्टार मार्क वाला नोट मिलता है तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आप इसे निश्चिंत होकर लेनदेन में इस्तेमाल कर सकते हैं।
कब से शुरू हुए थे स्टार मार्क वाले नोट
आरबीआई के मुताबिक स्टार सीरीज के नोट साल 2006 में पहली बार पेश किए गए थे। शुरुआत में यह व्यवस्था केवल 10 रुपये, 20 रुपये और 50 रुपये के नोटों के लिए थी। बाद में इसे बड़े नोटों तक बढ़ा दिया गया। आज 100 रुपये और 500 रुपये के नोट भी स्टार मार्क के साथ बाजार में उपलब्ध हैं। जब भी स्टार सीरीज वाले नोट जारी किए जाते हैं तो उनके बंडल पर एक अलग स्ट्रिप लगाई जाती है जिस पर लिखा होता है कि इसमें स्टार वाले नोट हैं। इसका मकसद केवल यह है कि बैंकों और आम जनता को इसकी पहचान में आसानी हो।
स्टार मार्क का असली मकसद क्या है
दरअसल जब आरबीआई नोटों की छपाई करता है तो एक गड्डी में कुल 100 नोट होते हैं। इस प्रक्रिया में कभी कभार कुछ नोट छपाई के दौरान खराब हो जाते हैं। पहले इन नोटों को हटाकर गड्डी में से हटा दिया जाता था और फिर पूरी गड्डी को दोबारा छापना पड़ता था जिससे समय और संसाधन दोनों की बर्बादी होती थी। इसी समस्या को हल करने के लिए स्टार सीरीज को शुरू किया गया। अब अगर कुछ नोट खराब हो जाते हैं तो सिर्फ उन्हीं नोटों को दोबारा प्रिंट किया जाता है और उन्हें पहचानने के लिए सीरियल नंबर में स्टार लगा दिया जाता है। इससे छपाई में भी तेजी आती है और संसाधनों की भी बचत होती है।
क्या भविष्य में 500 रुपये के नोट पर कोई असर पड़ेगा
फिलहाल आरबीआई ने साफ कर दिया है कि 500 रुपये के नोट को लेकर कोई चिंता की बात नहीं है। ना तो इन नोटों को बंद करने का कोई प्लान है और ना ही इन्हें बदलने की कोई योजना है। इसलिए लोग निश्चिंत होकर 500 रुपये के नोट का इस्तेमाल कर सकते हैं चाहे उस पर स्टार मार्क हो या न हो।
आरबीआई ने यह भी सलाह दी है कि नकली नोटों से बचने के लिए लोग कुछ जरूरी बातें जरूर चेक करें जैसे कि महात्मा गांधी की तस्वीर, वाटरमार्क, सिक्योरिटी थ्रेड और नोट की छपाई की क्वालिटी। अगर ये सब चीजें सही हैं तो फिर वह नोट पूरी तरह से असली माना जाएगा चाहे उसमें स्टार हो या नहीं।
अगर आपके पास भी स्टार मार्क वाला कोई 500 रुपये का नोट है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। वह नोट पूरी तरह से असली है और आप उसे नॉर्मल नोट की तरह खर्च कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर ध्यान ना दें और हमेशा आधिकारिक जानकारी पर ही भरोसा करें। आरबीआई का स्टेटमेंट साफ कहता है कि ऐसे नोट को फेक बताना गलत है।
इसलिए अब आप निश्चिंत होकर अपने 500 रुपये के नोटों को इस्तेमाल करें और अगर भविष्य में कभी कोई शक हो तो सीधे आरबीआई की वेबसाइट या बैंक में जाकर सही जानकारी हासिल करें। सतर्क रहें और अफवाहों से दूर रहें क्योंकि जानकारी ही सबसे बड़ी ताकत है।