8th pay commission Latest Update – सरकारी नौकरी करने वालों के लिए 8वें वेतन आयोग को लेकर बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है और इसका सबसे ज्यादा असर सैलरी और भत्तों पर पड़ने वाला है। खासतौर पर HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस को लेकर नए अपडेट्स चर्चा में हैं। अगर आप भी केंद्रीय कर्मचारी हैं या किसी सरकारी विभाग में नौकरी कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। क्योंकि नए वेतन आयोग में HRA के कैलकुलेशन में बड़ा बदलाव होने जा रहा है जो आपकी इनकम को सीधा प्रभावित करेगा।
HRA में बदलाव का मतलब क्या है
एचआरए यानी मकान किराया भत्ता वह रकम होती है जो किसी कर्मचारी को अपने किराए के मकान में रहने के लिए दी जाती है। अभी तक HRA की गणना कर्मचारी की बेसिक सैलरी और शहर की कैटेगरी के अनुसार होती है। जैसे X कैटेगरी यानी मेट्रो शहरों में HRA 24 प्रतिशत, Y शहरों में 16 प्रतिशत और Z शहरों में 8 प्रतिशत है। लेकिन 7वें वेतन आयोग में यह दरें DA यानी महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत पहुंचते ही बढ़ाकर क्रमशः 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत कर दी गई थीं।
अब 8वें वेतन आयोग के साथ उम्मीद की जा रही है कि इन दरों को फिर से रिवाइज किया जाएगा और नए फॉर्मूले के तहत इनका कैलकुलेशन होगा।
फिटमेंट फैक्टर से तय होगा नया HRA
8वें वेतन आयोग में सैलरी बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर को 1.92 माना जा रहा है। इसका मतलब है कि किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी को 1.92 से गुणा करके नई बेसिक सैलरी तय की जाएगी। जैसे अगर किसी की मौजूदा बेसिक सैलरी 30,000 रुपये है तो नई सैलरी 57,600 रुपये हो सकती है। अब जब बेसिक सैलरी बढ़ेगी तो जाहिर है कि उस पर मिलने वाला HRA भी उसी अनुपात में बढ़ेगा।
महंगाई और किराए में इजाफे के चलते जरूरी है HRA रिवाइज
पिछले कुछ सालों में भारत के बड़े और मझोले शहरों में मकानों के किराए में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। खासकर X और Y कैटेगरी वाले शहरों में रहने का खर्चा पहले की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में सरकार HRA की दरों को महंगाई और वास्तविक किराए के आधार पर फिर से तय कर सकती है ताकि कर्मचारियों को राहत दी जा सके।
शहरों की कैटेगरी में भी होगा बदलाव
सरकार समय समय पर शहरों की कैटेगरी यानी X, Y और Z की लिस्ट को रिवाइज करती है। कई शहर जो पहले Y कैटेगरी में आते थे वे अब X में आ सकते हैं। इसी तरह छोटे शहरों की रैंक भी बदली जा सकती है। इसका सीधा असर यह पड़ेगा कि अगर किसी कर्मचारी का शहर अब X कैटेगरी में आ जाता है तो उसे पहले की तुलना में ज्यादा HRA मिलेगा।
एचआरए में इजाफे से कैसे बढ़ेगी इनकम
मान लीजिए किसी कर्मचारी की नई बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है। अगर वह X कैटेगरी शहर में रहता है तो उसे 30 प्रतिशत HRA के तौर पर 15,000 रुपये मिलते हैं। अब अगर नई दर 35 प्रतिशत कर दी जाती है तो HRA बढ़कर 17,500 रुपये हो जाएगा। यानी सिर्फ HRA में ही 2,500 रुपये की बढ़ोतरी होगी। इसी तरह Y और Z शहरों में भी बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा।
DA के साथ लिंक हो सकता है नया HRA फॉर्मूला
खबरें ये भी आ रही हैं कि 8वें वेतन आयोग में HRA को महंगाई भत्ते से लिंक किया जा सकता है। जैसे ही DA 25 प्रतिशत और 50 प्रतिशत के आंकड़े को पार करेगा वैसे ही HRA को रिवाइज कर दिया जाएगा। इससे कर्मचारियों को महंगाई के अनुसार तुरंत फायदा मिल पाएगा।
सरकार का उद्देश्य क्या है
सरकार का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को महंगाई के प्रभाव से बचाना और उनकी क्रय शक्ति को बनाए रखना है। इसके साथ ही वेतन आयोग के जरिए सरकार कर्मचारियों को एक स्थिर और बेहतर आय देने का प्रयास करती है ताकि उनका जीवन स्तर सुधर सके।
किन्हें होगा सबसे ज्यादा फायदा
सबसे ज्यादा फायदा मिड लेवल और लोवर ग्रेड के कर्मचारियों को होगा जिनकी मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर बहुत अधिक नहीं है। इसके अलावा मेट्रो शहरों में रहने वाले कर्मचारियों को भी HRA बढ़ने का सीधा लाभ मिलेगा क्योंकि वहां रहने का खर्चा पहले से ही बहुत अधिक है।
8वें वेतन आयोग के लागू होने के साथ ही सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और भत्तों में बड़ा बदलाव तय माना जा रहा है। HRA को लेकर जिस तरह की खबरें सामने आ रही हैं उससे यही कहा जा सकता है कि जल्द ही कर्मचारियों को राहत मिलेगी। नई HRA दरें महंगाई भत्ते और बेसिक पे के अनुसार तय होंगी जिससे सैलरी में जबरदस्त इजाफा देखने को मिलेगा। हालांकि यह सब कुछ 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा लेकिन संकेत साफ हैं कि इस बार सरकार कर्मचारियों को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है।