8th Pay Commission News – केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएं तेज हो चुकी हैं और अब यह लगभग तय माना जा रहा है कि 2025 में इसका गठन होगा और 2026 या 2027 तक इसे लागू किया जा सकता है। इससे ना सिर्फ केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी बल्कि पेंशनर्स को भी इसका बड़ा फायदा मिल सकता है।
क्यों जरूरी है आठवां वेतन आयोग
सरकारी परंपरा के अनुसार हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लागू किया जाता है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें साल 2016 में लागू की गई थीं। इसका गठन 2014 में हुआ था और इसे जनवरी 2016 से प्रभावी माना गया था। अब साल 2026 तक इसके 10 साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार समय रहते आठवें वेतन आयोग का गठन कर देगी ताकि नए साल से कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके।
सैलरी में 19 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी संभव
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आठवें वेतन आयोग लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में औसतन 19 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी संभव है। रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र सरकार यदि बजट में पर्याप्त राशि आवंटित करती है तो कर्मचारियों की सैलरी में इस तरह की बढ़ोतरी आसानी से की जा सकती है।
बजट के अनुसार बढ़ेगी सैलरी
सरकार यदि 1.75 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित करती है तो एक कर्मचारी की औसत सैलरी 1 लाख रुपये से बढ़कर 1 लाख 14 हजार 600 रुपये प्रति माह तक पहुंच सकती है।
अगर 2 लाख करोड़ रुपये का बजट आता है तो सैलरी बढ़कर 1 लाख 16 हजार 700 रुपये तक हो सकती है
और यदि 2.25 लाख करोड़ रुपये आवंटित होते हैं तो कर्मचारी की सैलरी 1 लाख 18 हजार 800 रुपये हो सकती है
यानि औसतन 19 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी संभव है
फिलहाल कितनी है कर्मचारियों की सैलरी
फिलहाल एक मध्यम स्तर के कर्मचारी की औसत मासिक सैलरी करीब 1 लाख रुपये के आसपास है जिसमें बेसिक पे 18 हजार रुपये होती है। बाकी के भत्ते जैसे महंगाई भत्ता, एचआरए और अन्य अलाउंस के आधार पर यह सैलरी बढ़ जाती है। अगर नए वेतन आयोग में बेसिक सैलरी को ही बढ़ा दिया जाता है तो इसके साथ मिलने वाले भत्ते भी स्वतः ही बढ़ जाएंगे और कुल सैलरी में अच्छी खासी बढ़ोतरी हो जाएगी।
फिटमेंट फैक्टर होगा सैलरी बढ़ोतरी का आधार
सातवें वेतन आयोग में 2.57 का फिटमेंट फैक्टर अपनाया गया था जिसकी वजह से उस समय बेसिक सैलरी 7 हजार रुपये से बढ़कर 18 हजार रुपये हो गई थी। अब आठवें वेतन आयोग में भी यही फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कर्मचारियों की मांग है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 किया जाए जिससे न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये से सीधे 51 हजार 480 रुपये तक पहुंच सके। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि सरकार इस बार फिटमेंट फैक्टर को केवल 1.92 तक ही सीमित रख सकती है लेकिन यह तय है कि जो भी फैक्टर होगा उसी के आधार पर सैलरी में इजाफा किया जाएगा।
सातवें वेतन आयोग का खर्च और असर
जब सातवां वेतन आयोग लागू किया गया था तब सरकार पर कुल 1.02 लाख करोड़ रुपये का बोझ आया था। यह खर्च वेतन और पेंशन दोनों में बदलाव के चलते हुआ था। उस समय भी काफी समय तक यह चर्चा में रहा था और कर्मचारियों को इसका लाभ जुलाई 2016 से मिलना शुरू हुआ था।
कितने कर्मचारियों को होगा फायदा
अगर 8वें वेतन आयोग को समय पर लागू किया जाता है तो इसका फायदा लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को और 65 लाख पेंशनर्स को होगा। यानी देशभर में करीब 1 करोड़ 15 लाख लोगों को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है। साथ ही राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर इसे लागू कर सकती हैं जिससे लाखों राज्य कर्मचारी भी लाभान्वित हो सकते हैं।
पेंशनर्स को भी मिलेगा बड़ा लाभ
8वें वेतन आयोग के लागू होने से सिर्फ वर्तमान में सेवा में मौजूद कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि पेंशन प्राप्त कर रहे पूर्व कर्मचारियों को भी फायदा होगा। उनकी पेंशन में भी संशोधन किया जाएगा और नई बेसिक सैलरी के आधार पर पेंशन की गणना की जाएगी। इसका सीधा फायदा यह होगा कि उनकी मासिक पेंशन भी बढ़ जाएगी जिससे बुजुर्गों की वित्तीय स्थिति और बेहतर होगी।
8वें वेतन आयोग की घोषणा को लेकर भले ही सरकार की तरफ से अभी औपचारिक अधिसूचना नहीं आई हो लेकिन यह तय है कि 2025 में इसका गठन होगा और 2026 या 2027 तक यह लागू कर दिया जाएगा। इससे करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत मिलेगी। अगर सरकार कर्मचारियों की मांग के अनुसार फिटमेंट फैक्टर बढ़ाकर सैलरी में इजाफा करती है तो सैलरी में 19 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। अब सबकी निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं कि वेतन आयोग को लेकर किस तरह की योजना सामने लाई जाती है।