RBI Cancel Bank License – भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने मई 2025 में एक बड़ा कदम उठाते हुए देश के चार सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। यह फैसला बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा और ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इन बैंकों को अब किसी भी तरह का लेनदेन करने की अनुमति नहीं है और उन्हें अपने कारोबार को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
कौन-कौन से बैंकों का लाइसेंस रद्द किया गया
इस बार जिन चार बैंकों पर गाज गिरी है वे इस प्रकार हैं
- अंजना अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, औरंगाबाद महाराष्ट्र – इसका लाइसेंस 22 अप्रैल 2025 को रद्द किया गया
- कलर मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद गुजरात – 16 अप्रैल को लाइसेंस रद्द
- इंपीरियल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर पंजाब – 25 अप्रैल से बैंक का संचालन बंद कर दिया गया
- शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, अकलुज महाराष्ट्र – 11 अप्रैल से इस बैंक पर कारोबार करने की रोक लगा दी गई
क्यों रद्द किया गया इन बैंकों का लाइसेंस
RBI ने साफ तौर पर बताया है कि इन चारों बैंकों के पास न तो पर्याप्त पूंजी बची थी और न ही इनकी कमाई की कोई मजबूत संभावना दिख रही थी। इन बैंकों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि वे अपने ग्राहकों को जमा राशि तक लौटाने की स्थिति में नहीं थे। ऐसे में उनका चलना ग्राहकों के लिए भी खतरे से खाली नहीं था। यही वजह रही कि आरबीआई ने इनका लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया।
ग्राहकों के पैसे का क्या होगा
अब बात आती है सबसे जरूरी सवाल की कि जिन लोगों के पैसे इन बैंकों में जमा थे उनका क्या होगा। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि RBI के तहत आने वाली DICGC यानी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन स्कीम ग्राहकों को पांच लाख रुपये तक की बीमा सुरक्षा देती है। यानी अगर आपके खाते में पांच लाख रुपये या उससे कम की रकम है तो वह सुरक्षित है और आपको वापस मिल जाएगी।
DICGC स्कीम कैसे काम करती है
जब किसी बैंक का लाइसेंस रद्द होता है या बैंक दिवालिया घोषित होता है तो DICGC स्कीम अपने आप लागू हो जाती है। इसके तहत हर खाताधारक को उसके बैंक खाते में जमा कुल रकम में से अधिकतम पांच लाख रुपये तक वापस मिलते हैं। यह सुविधा बचत खाते, चालू खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट पर भी लागू होती है।
इन बैंकों पर भी लगा जुर्माना
RBI ने सिर्फ लाइसेंस रद्द नहीं किए बल्कि अप्रैल 2025 में 8 अन्य बैंकों पर जुर्माना भी लगाया है। ये बैंक निम्नलिखित हैं
- आर्यावर्त बैंक लखनऊ
- श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड नासिक
- सिटीबैंक एनए
- पंजाब नेशनल बैंक
- आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड
- कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड
- इंडियन ओवरसीज बैंक
- इंडियन बैंक
इन बैंकों पर यह जुर्माना RBI के नियमों और निर्देशों का पालन न करने के कारण लगाया गया है। हालांकि इसका असर आम खाताधारकों पर नहीं पड़ेगा और इन बैंकों की सामान्य बैंकिंग सेवाएं चलती रहेंगी।
खाताधारकों के लिए क्या है जरूरी सलाह
अगर आपका खाता किसी सहकारी बैंक में है तो आपको अपनी बैंक की स्थिति पर नजर रखना बहुत जरूरी है। समय समय पर यह जरूर जांचें कि क्या आपकी बैंक की आर्थिक स्थिति मजबूत है या नहीं। अगर बैंक लगातार नुकसान में चल रही है, उसकी पूंजी घट रही है या उस पर RBI की चेतावनी आ चुकी है तो सतर्क हो जाना चाहिए।
अगर संभव हो तो अपने पैसे को बड़ी और विश्वसनीय बैंकों में शिफ्ट करने पर विचार करें। हालांकि सहकारी बैंक ग्रामीण और छोटे कस्बों में बहुत काम के होते हैं लेकिन जब वहां जोखिम बढ़ जाए तो सावधानी जरूरी हो जाती है।
RBI के इस कदम का समाज पर असर
RBI का यह फैसला इस बात का संकेत है कि रिजर्व बैंक अब सहकारी बैंकों की स्थिति को लेकर और अधिक सख्त हो गया है। देश में कई ऐसे सहकारी बैंक हैं जो लंबे समय से घाटे में चल रहे हैं और उनके पास ना तो पर्याप्त पूंजी है और ना ही कोई ठोस कमाई का जरिया। ऐसे में RBI अब इन्हें बंद करने से पीछे नहीं हट रहा है जिससे आम ग्राहकों को नुकसान न हो।
इससे यह भी संकेत मिलता है कि देश में बैंकिंग सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए अब कमजोर संस्थानों को खत्म किया जाएगा ताकि पूरी बैंकिंग व्यवस्था पर भरोसा बना रहे।
RBI का मई 2025 का यह कदम उन लोगों के लिए बड़ी चेतावनी है जो छोटी सहकारी बैंकों पर आंख मूंदकर भरोसा कर लेते हैं। यह जरूरी है कि अब ग्राहक जागरूक बनें और जहां भी जोखिम दिखे वहां समय रहते कदम उठाएं। अगर आपका खाता भी इन चार बैंकों में था तो घबराइए नहीं क्योंकि पांच लाख रुपये तक की बीमा सुरक्षा आपको मिलेगी। बाकी लोग भी सतर्क रहें और समय समय पर अपनी बैंक की स्थिति जांचते रहें।