Land Registration New Rules – अगर आप भी जमीन या प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। अब तक आपने रजिस्ट्री के नाम पर लंबी लाइनें, भारी-भरकम फाइलें और कई बार चक्कर पर चक्कर लगाने का झंझट जरूर झेला होगा लेकिन अब सरकार ने इस झंझट से आपको छुटकारा दिलाने के लिए जमीन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव कर दिया है। ये बदलाव पूरे देश में एक जनवरी 2025 से लागू हो चुके हैं और अब इन्हें लेकर फिर से सुर्खियां बन रही हैं क्योंकि कुछ अफवाहें फैल रही हैं कि 21 अप्रैल से कुछ नए नियम लागू होने वाले हैं। तो सबसे पहले साफ कर दें कि ऐसा कुछ नहीं है। नियम पहले ही लागू हो चुके हैं और इनमें फिलहाल कोई नया बदलाव नहीं हुआ है।
क्यों जरूरी थे ये बदलाव
भारत में लंबे समय से जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को लेकर लोग परेशान रहे हैं। मैन्युअल सिस्टम के चलते रजिस्ट्री में समय ज्यादा लगता था। फर्जीवाड़ा, बेनामी संपत्ति और भ्रष्टाचार जैसे मामले आम हो गए थे। इसके साथ ही दस्तावेजों की ट्रैकिंग और रिकॉर्ड में पारदर्शिता भी नहीं थी। इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने जमीन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल करने का फैसला लिया।
नए नियमों में क्या खास है
सरकार ने इस बार चार बड़े बदलाव किए हैं जो जमीन रजिस्ट्रेशन को पहले से ज्यादा आसान, सुरक्षित और पारदर्शी बनाते हैं। आइए इन बदलावों को समझते हैं।
पहला बदलाव: डिजिटल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
अब जमीन रजिस्ट्रेशन पूरी तरह ऑनलाइन हो गई है। इसका मतलब ये है कि अब आपको रजिस्ट्रार ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है। घर बैठे ही आप आवेदन कर सकते हैं, डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर सकते हैं और डिजिटल सिग्नेचर के साथ प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। एक बार प्रक्रिया पूरी होते ही आपको डिजिटल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिल जाएगा।
दूसरा बदलाव: आधार कार्ड से लिंकिंग अनिवार्य
अब प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड का लिंक होना जरूरी है। इससे खरीदार और विक्रेता दोनों का पहचान सत्यापन आसान हो जाएगा और फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी। बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के चलते बेनामी संपत्तियों की पहचान भी हो सकेगी।
तीसरा बदलाव: वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य
अब रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। इसमें खरीदार और विक्रेता दोनों की सहमति रिकॉर्ड की जाएगी ताकि भविष्य में कोई विवाद हो तो यह वीडियो सबूत के रूप में काम आ सके। इससे जबरदस्ती और धोखाधड़ी जैसी घटनाएं भी रुकेंगी।
चौथा बदलाव: ऑनलाइन फीस भुगतान और ई स्टांपिंग
अब स्टांप ड्यूटी और बाकी सभी फीस का भुगतान भी ऑनलाइन ही होगा। इसके लिए ई स्टांपिंग की सुविधा दी गई है। इससे कैश लेनदेन की जरूरत खत्म होगी और पूरे ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड डिजिटल रूप में मौजूद रहेगा। इससे भ्रष्टाचार की संभावना भी कम हो जाएगी।
नए नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कैसी होगी
पहले की तुलना में अब प्रक्रिया बहुत सरल हो गई है। सबसे पहले सरकारी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। फिर जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसके बाद फीस का भुगतान ऑनलाइन करना है। दस्तावेजों का वेरिफिकेशन होगा और आधार के जरिए बायोमेट्रिक कंफर्मेशन लिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के वक्त वीडियो रिकॉर्डिंग होगी और अंत में आपको डिजिटल सिग्नेचर के साथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा।
रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- प्रॉपर्टी पेपर्स जैसे सेल डीड या टाइटल डीड
- नॉन इन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट
- राजस्व रिकॉर्ड
- नगरपालिका टैक्स की रसीद
नए नियमों से क्या फायदे होंगे
अब पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो गई है। लंबी लाइनें खत्म हो गई हैं और घर बैठे रजिस्ट्रेशन करना संभव हो गया है। फर्जीवाड़ा रुकने लगा है क्योंकि आधार और वीडियो रिकॉर्डिंग से सबकुछ ट्रैक हो रहा है। प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड अब डिजिटल होगा जिससे आगे कभी भी जानकारी निकालना आसान रहेगा। साथ ही नकद लेनदेन खत्म होने से भ्रष्टाचार भी कम होगा। कानूनी सुरक्षा बढ़ गई है क्योंकि अब सब कुछ रिकॉर्डेड और ट्रेस किया जा सकता है।
इन लोगों पर पड़ेगा असर
ये नियम प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने वाले हर व्यक्ति पर लागू होते हैं। इसके अलावा रियल एस्टेट डेवेलपर्स, एनआरआई और सरकारी विभागों को भी इससे फायदा होगा क्योंकि पूरी प्रक्रिया अब एक क्लिक में पूरी हो सकेगी।
सावधानियां जो आपको रखनी चाहिए
- ऑनलाइन आवेदन करते वक्त सभी जानकारी ध्यान से भरें
- दस्तावेज सही और अपडेटेड रखें
- आधार और पैन कार्ड में नाम और पता एक जैसा हो
- सरकारी पोर्टल के अलावा किसी अन्य वेबसाइट से फीस भुगतान न करें
अफवाहों से बचें
हाल ही में यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी कि 21 अप्रैल से जमीन रजिस्ट्रेशन के कुछ और नए नियम लागू होंगे। लेकिन स्पष्ट कर दें कि ये सिर्फ अफवाहें हैं। सरकार ने इस संबंध में कोई नई घोषणा नहीं की है। पहले से लागू चार नियम ही अभी प्रभावी हैं और इन्हीं के आधार पर रजिस्ट्रेशन हो रहा है।
जमीन रजिस्ट्रेशन के नए नियम 2025 ने इस प्रक्रिया को न सिर्फ आसान बल्कि पारदर्शी और सुरक्षित बना दिया है। अब न लाइन में लगने की जरूरत है, न दलालों के पीछे भागने की। घर बैठे आप सारी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं और डिजिटल सर्टिफिकेट के रूप में रजिस्ट्री का सबूत भी सुरक्षित रख सकते हैं। अगर आप भविष्य में कोई प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं तो इन नियमों को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ें और किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें।