Minimum Balance Rules 2025 – अगर आपका भी बैंक खाता है और आप उसमें न्यूनतम बैलेंस यानी मिनिमम बैलेंस बनाए रखने को लेकर परेशान रहते हैं, तो अब राहत की खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने मिनिमम बैलेंस को लेकर नए नियम लागू कर दिए हैं जो पूरे देश में प्रभाव में आ चुके हैं। खासकर उन लोगों को इससे बड़ी राहत मिलेगी जो या तो सरकारी योजनाओं से जुड़े खातों का उपयोग करते हैं या जिनका खाता काफी समय से निष्क्रिय पड़ा है।
क्या है RBI का नया आदेश
आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि अगर कोई बैंक खाता दो साल से निष्क्रिय है और उसमें न्यूनतम राशि नहीं है, तो उस पर बैंक कोई पेनाल्टी यानी जुर्माना नहीं लगा सकते। यह नियम अब सभी बैंकों पर लागू हो चुका है। इसका सीधा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो अपने खाते का नियमित इस्तेमाल नहीं कर पाते या जिनका खाता स्कॉलरशिप या सरकारी योजनाओं के तहत खुला है।
निष्क्रिय खाता क्या होता है
अगर किसी खाते में दो साल तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं होता यानी न तो कोई पैसा जमा हुआ और न निकाला गया, तो बैंक उस खाते को निष्क्रिय घोषित कर देते हैं। ऐसे में अब तक अगर उसमें न्यूनतम बैलेंस नहीं होता था, तो बैंक जुर्माना लगाते थे। लेकिन अब आरबीआई ने साफ कर दिया है कि ऐसे खातों से कोई चार्ज नहीं लिया जा सकता।
सरकारी योजनाओं और स्कॉलरशिप खातों को भी मिली बड़ी राहत
आरबीआई ने यह भी कहा है कि जो खाते स्कॉलरशिप यानी छात्रवृत्ति या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी DBT के तहत खुले हैं, उन पर न्यूनतम बैलेंस का कोई नियम लागू नहीं होगा। चाहे उसमें सालों से कोई ट्रांजैक्शन न हुआ हो, फिर भी
- उन्हें निष्क्रिय खाता नहीं माना जाएगा
- उन पर कोई चार्ज या जुर्माना नहीं लगेगा
- बैंक ऐसे खातों पर ब्याज देना जारी रखेंगे
यह नियम लाखों स्टूडेंट्स और ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए वरदान की तरह है क्योंकि आमतौर पर वे इन खातों का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी लाभ पाने के लिए करते हैं।
अगर बैंक फिर भी वसूलता है जुर्माना तो क्या करें
अगर किसी ग्राहक से बैंक इन नए नियमों के बावजूद जुर्माना वसूलता है, तो उसके पास शिकायत दर्ज कराने के कुछ आसान तरीके हैं
- सबसे पहले संबंधित बैंक शाखा में शिकायत करें
- अगर वहां समाधान नहीं होता तो बैंक के बोर्ड या ग्राहक सेवा विभाग में लिखित शिकायत दें
- फिर भी कोई कार्रवाई नहीं होती तो RBI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ग्रिवेंस पोर्टल में शिकायत दर्ज करें
RBI ने स्पष्ट किया है कि ग्राहक की अनुमति और जानकारी के बिना कोई भी चार्ज वसूलना गैरकानूनी होगा और बैंक पर कार्रवाई की जा सकती है।
RBI ने क्यों लागू किए ये नियम
इन नियमों को लागू करने के पीछे आरबीआई का उद्देश्य है
- बैंकों में वर्षों से पड़ी लावारिस रकम को कम करना
- खातों के सही मालिकों तक वह राशि पहुंचाना
- बैंकिंग प्रणाली को पारदर्शी और उपभोक्ता-अनुकूल बनाना
कई बार लोगों के पास कई खाते होते हैं और वे उन्हें भूल जाते हैं या इस्तेमाल नहीं करते। ऐसे में बैंक उन खातों को निष्क्रिय कर देते हैं और कई बार पेनाल्टी भी लगाते हैं। अब इस व्यवस्था में बदलाव से लोगों को राहत मिलेगी।
नए नियमों का असर किस-किस पर पड़ेगा
- वे लोग जो स्कॉलरशिप या सरकारी योजनाओं जैसे जनधन योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, उज्ज्वला योजना आदि से जुड़े खाते चलाते हैं
- छात्र जो केवल छात्रवृत्ति के लिए बैंक अकाउंट खुलवाते हैं
- ग्रामीण और बुजुर्ग जो बैंकिंग सिस्टम से कम जुड़े हैं
- वे लोग जो किसी कारणवश लंबे समय से खाता इस्तेमाल नहीं कर पा रहे
ग्राहकों को क्या करना चाहिए
अगर आपके पास ऐसा खाता है जो निष्क्रिय पड़ा है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अगर उसमें न्यूनतम बैलेंस नहीं है तब भी बैंक आपसे कोई चार्ज नहीं ले सकता। साथ ही आप चाहें तो उस खाते को फिर से सक्रिय भी करवा सकते हैं। इसके लिए आपको केवल एक लेन-देन करना होगा जैसे कि थोड़ा पैसा जमा करना या निकालना।
RBI का यह फैसला आम ग्राहकों के हित में एक बड़ा और सराहनीय कदम है। इससे न सिर्फ बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता आएगी बल्कि ग्राहकों पर अनावश्यक वित्तीय दबाव भी नहीं पड़ेगा। अब हर व्यक्ति बिना किसी डर के बैंक खाता खुलवाकर सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकता है। जो लोग अब तक जुर्माने के डर से बैंकिंग से दूर थे, वे भी आसानी से बैंक सेवाओं से जुड़ पाएंगे।