DA Arrear News – केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक अहम मुद्दा है महंगाई भत्ते (DA) का एरियर। यह मुद्दा तब से चर्चा में है, जब कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने साल 2020 में DA की तीन किस्तों को रोकने का फैसला लिया था। इस फैसले के कारण कर्मचारियों और पेंशनर्स को कुल मिलाकर 18 महीने तक DA का लाभ नहीं मिल सका था। अब, जब धीरे-धीरे महामारी का प्रभाव कम हुआ और आर्थिक स्थिति सुधरी, तो एक बार फिर से इस रुके हुए DA एरियर को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। आइए जानते हैं इस मुद्दे पर क्या ताजा अपडेट सामने आया है।
कोरोना काल में रोका गया DA
कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते कई फैसले लिए गए थे, जिनमें से एक था DA की किस्तों को रोकना। यह निर्णय 2020 में लिया गया था, और इसका असर कर्मचारियों और पेंशनर्स पर लंबे समय तक पड़ा। इस 18 महीने के दौरान कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ नहीं मिल सका। हालांकि, इसके बाद सरकार ने DA बढ़ोतरी को फिर से शुरू किया, लेकिन उन रुकी हुई किस्तों का एरियर आज तक नहीं दिया गया।
कर्मचारी संगठन लगातार कर रहे हैं मांग
कर्मचारी संगठन लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं और सरकार से रुके हुए DA एरियर को भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। हाल ही में, कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स ने मार्च महीने में एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर जल्द निर्णय लेने की अपील की। संगठन का कहना है कि सरकार उनकी जायज मांगों की अनदेखी कर रही है, जिससे कर्मचारियों को मानसिक और आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
कर्मचारी संगठनों ने सरकार से कुछ प्रमुख मांगें की हैं, जिनमें:
- 18 महीने का रुका हुआ DA एरियर कर्मचारियों को दिया जाए।
- 8वें वेतन आयोग का गठन जल्द किया जाए और इसके चेयरमैन तथा सदस्यों की नियुक्ति की जाए।
- नई पेंशन योजना (NPS) को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल किया जाए।
- पेंशन से कटौती की बहाली अवधि 15 साल से घटाकर 12 साल की जाए।
- अनुकंपा नियुक्ति की 5% लिमिट समाप्त की जाए और सभी पात्र आवेदकों को नौकरी दी जाए।
- खाली पदों को भरा जाए, आउटसोर्सिंग और प्राइवेटाइजेशन को रोका जाए।
इन मांगों के साथ, कर्मचारी संगठन सरकार पर दबाव बना रहे हैं ताकि उनकी परेशानियों का हल निकाला जा सके।
सरकार का जवाब – नहीं मिलेगा एरियर
हालांकि कर्मचारियों की मांगों को लेकर सरकार का जवाब बिल्कुल स्पष्ट है। सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि 18 महीने के DA एरियर का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके पीछे सरकार का तर्क है कि अगर यह राशि दी जाती है तो सरकारी खजाने पर इसका बहुत बड़ा असर पड़ेगा, और वर्तमान आर्थिक स्थिति में इसे संभालना मुश्किल होगा।
सरकार का यह कहना है कि, भले ही कर्मचारियों की यह मांग जायज है, लेकिन मौजूदा आर्थिक दबाव के कारण उन्हें इस एरियर का भुगतान करना संभव नहीं है। इस पर अब तक कोई ठोस आश्वासन भी नहीं दिया गया है।
कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार का यह रवैया अन्यायपूर्ण है। उनका मानना है कि जब कर्मचारियों ने कठिन समय में राष्ट्र के लिए अपनी सेवा दी, तो अब उनके अधिकारों से वंचित करना गलत है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वे अपनी मांगों को उठाते रहेंगे और इस मुद्दे को सार्वजनिक रूप से जोर-शोर से उठाते रहेंगे ताकि सरकार को इसे लेकर विचार करना पड़े।
क्या है समाधान?
अब इस पूरे मुद्दे का एकमात्र समाधान है – सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच बातचीत। यदि दोनों पक्ष आपसी समझौते से इस पर हल निकालते हैं, तो इससे ना सिर्फ कर्मचारियों को राहत मिलेगी बल्कि सरकार की छवि भी बेहतर होगी। सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए ताकि यह विवाद किसी बड़े आंदोलन का रूप न ले ले।
18 महीने का DA एरियर अब भी हजारों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी चिंता बना हुआ है। कर्मचारी संगठन लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन फिलहाल सरकार की ओर से इस पर कोई राहत नहीं दी गई है। सरकार का यह कहना है कि वर्तमान आर्थिक स्थिति में एरियर का भुगतान संभव नहीं है, जबकि कर्मचारी संगठनों का मानना है कि यह उनके साथ अन्याय है।
अब देखना यह है कि क्या सरकार भविष्य में इस फैसले पर पुनर्विचार करती है, या फिर कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन का रुख अपनाते हैं। फिलहाल के लिए यह कहना मुश्किल है कि यह मुद्दा कब सुलझेगा, लेकिन इतना जरूर है कि यह जल्द सुलझने वाला नहीं लगता है। कर्मचारी संगठन लगातार अपनी आवाज़ उठाते रहेंगे, और समय आने पर शायद सरकार को भी इस पर पुनर्विचार करना पड़े।