Traffic Challan Rules – अगर आप गाड़ी चलाते हैं और अब तक आपने इस छोटे से स्टिकर को नजरअंदाज कर रखा है, तो अब सावधान हो जाइए। क्योंकि ट्रैफिक पुलिस अब इस बात को लेकर काफी सख्त हो गई है। जी हां, हम बात कर रहे हैं उस रंगीन स्टिकर की जो आपके वाहन पर लगा होना जरूरी है। अगर ये स्टिकर नहीं है, तो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत आपका चालान सीधा ₹5000 तक पहुंच सकता है।
अब सवाल ये उठता है कि ये स्टिकर आखिर है क्या और क्यों जरूरी है? तो आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं।
क्या है ये रंगीन स्टिकर का नियम?
सरकार ने कुछ साल पहले ये नियम लागू किया था कि सभी गाड़ियों पर एक खास रंग का स्टीकर लगाना जरूरी होगा, जिससे यह पता चल सके कि गाड़ी कौन से ईंधन (फ्यूल) पर चलती है। इससे ट्रैफिक पुलिस और RTO जैसे विभागों को काम करने में आसानी होती है, खासकर जब बात आती है पॉल्यूशन कंट्रोल, ग्रीन जोन एरिया और ट्रैफिक रूल्स लागू करने की।
यह नियम खासतौर से दिल्ली NCR जैसे प्रदूषण से प्रभावित इलाकों में काफी जरूरी हो गया है।
कौन से रंग का स्टिकर किस गाड़ी पर लगेगा?
सरकार ने फ्यूल टाइप के हिसाब से अलग-अलग रंग निर्धारित किए हैं। नीचे देखिए, कौन सी गाड़ी पर कौन सा रंग लगेगा –
- नारंगी (Orange) स्टिकर – डीजल गाड़ियों पर लगाया जाता है
- हल्का नीला (Light Blue) स्टिकर – पेट्रोल और CNG गाड़ियों पर
- ग्रे (Grey) स्टिकर – इलेक्ट्रिक और अन्य फ्यूल टाइप गाड़ियों पर
मतलब अगर आपकी गाड़ी पेट्रोल की है और आपने हल्का नीला स्टीकर नहीं लगवाया है, तो आप नियम के उल्लंघन के दोषी माने जाएंगे।
क्यों जरूरी है ये स्टिकर?
अब बहुत से लोग सोचते हैं कि इतना छोटा स्टिकर क्या फर्क डालता है? लेकिन असल में इसका बहुत बड़ा असर होता है:
- ट्रैफिक पुलिस को फ्यूल टाइप जल्दी समझ में आता है
- पॉल्यूशन कंट्रोल जोन में सही गाड़ियों की एंट्री तय होती है
- फास्ट टैग और ई-चालान सिस्टम के साथ इसे लिंक करना आसान होता है
- चोरी की गाड़ियों की पहचान में मदद मिलती है
इसके अलावा कई जगहों पर डीजल वाहनों पर खास प्रतिबंध होते हैं, तो ऐसे में अगर गाड़ी पर नारंगी स्टिकर न हो, तो जांच में परेशानी होती है।
क्या चालान वाकई ₹5000 का लग सकता है?
जी हां। मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत अगर कोई वाहन नियमों का पालन नहीं करता, तो ₹5000 तक का जुर्माना लग सकता है। कई राज्यों में यह राशि ₹1000 से शुरू होकर ₹5000 तक जा सकती है, और अगर बार-बार नियम तोड़े गए, तो गाड़ी सीज भी की जा सकती है।
चालान से कैसे बचें?
अब आप सोच रहे होंगे कि इससे बचने का आसान तरीका क्या है। तो ये रहे कुछ आसान स्टेप्स:
- अपनी गाड़ी के फ्यूल टाइप के मुताबिक सही रंग का स्टिकर लगवाएं।
- ये स्टिकर आप अधिकृत RTO ऑफिस या वाहन डीलरशिप से ले सकते हैं।
- अगर आपकी गाड़ी नई है, तो ये स्टिकर अक्सर रजिस्ट्रेशन के वक्त ही मिल जाता है।
- पुराने वाहनों के लिए आपको RTO जाकर या किसी अधिकृत सेंटर से लगवाना होगा।
एक बार ये काम हो जाए, तो आप निश्चिंत होकर गाड़ी चला सकते हैं, बिना किसी चालान के डर के।
स्टिकर का सही तरीका क्या है?
स्टिकर को गाड़ी के फ्रंट विंडशील्ड (सामने की कांच) के ऊपर की तरफ, बाईं ओर अंदर से चिपकाया जाता है। ये इस तरह से होना चाहिए कि बाहर से भी साफ दिखाई दे। अगर आपने स्टिकर गलत जगह चिपका दिया या वह फेड हो गया है, तो भी आपको दोबारा नया स्टिकर लगवाना चाहिए।
नियमों का पालन क्यों जरूरी है?
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अकसर छोटी-छोटी चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ट्रैफिक नियमों का पालन न सिर्फ हमें चालान से बचाता है, बल्कि ये हमारी और दूसरों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी होता है। खासकर जब बात पर्यावरण और ट्रैफिक नियंत्रण की हो, तो ऐसे नियम बेहद जरूरी हो जाते हैं।
अगर आप एक जिम्मेदार नागरिक हैं और अपनी गाड़ी चलाते समय सभी नियमों का पालन करते हैं, तो आपको इस रंगीन स्टिकर जैसे छोटे लेकिन जरूरी नियम की भी पूरी जानकारी होनी चाहिए। ₹5000 का चालान एक बड़ी रकम है, और सिर्फ एक स्टिकर लगवाकर आप इससे बच सकते हैं।
तो अगर अब तक आपने ये स्टिकर नहीं लगवाया है, तो देर मत कीजिए। अपने नजदीकी आरटीओ सेंटर जाइए या अधिकृत एजेंसी से संपर्क कीजिए और गाड़ी पर सही स्टिकर लगवाइए। ताकि आप भी कह सकें – “हम नियम के साथ हैं!”