SBI SCSS Scheme – भारत में रिटायरमेंट के बाद एक बड़ी चिंता होती है – अब हर महीने खर्च कैसे चलेगा? पेंशन हर किसी को नहीं मिलती और एफडी या म्यूचुअल फंड में रिस्क होता है। ऐसे में अगर कोई स्कीम आपको गारंटीड रिटर्न दे, वो भी हर महीने, तो क्या ही बात है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) ठीक वैसी ही एक स्कीम है, जो खासतौर से 60 साल या उससे ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए बनाई गई है।
अब आप सोच रहे होंगे – इसमें फायदा क्या मिलेगा? हर महीने कितना पैसा मिलेगा? तो चलिए सब कुछ धीरे-धीरे और आसान भाषा में समझते हैं।
SBI SCSS स्कीम क्या है?
SBI की यह स्कीम केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही एक गैर-जोखिम वाली सेविंग्स स्कीम है। इसे सिर्फ 60 साल से ऊपर के लोग ही खोल सकते हैं। अगर आपने VRS लिया है और आपकी उम्र 55 साल से ज़्यादा है, तो भी आप इसके पात्र हो सकते हैं।
यह स्कीम बैंक एफडी से बेहतर ब्याज देती है और साथ ही हर तिमाही ब्याज का पेमेंट भी करती है, जिसे आप महीने-महीने निकाल सकते हैं।
ब्याज दर और कितना पैसा मिलेगा?
इस स्कीम में अभी की तारीख में 8.2% सालाना ब्याज मिल रहा है, जो तिमाही आधार पर आपके खाते में क्रेडिट होता है। अगर आप चाहें तो इसे हर महीने भी अपने खर्च के लिए निकाल सकते हैं।
एक उदाहरण से समझते हैं:
निवेश राशि | सालाना ब्याज | तिमाही ब्याज | औसत मासिक इनकम |
---|---|---|---|
₹10 लाख | ₹82,000 | ₹20,500 | ₹6,833 |
₹15 लाख | ₹1,23,000 | ₹30,750 | ₹10,250 |
₹20 लाख | ₹1,64,000 | ₹41,000 | ₹13,666 |
₹25 लाख | ₹2,05,000 | ₹51,250 | ₹17,083 |
₹30 लाख | ₹2,46,000 | ₹61,500 | ₹20,500 |
यानी अगर आप 12 लाख रुपये जमा करते हैं तो आपको हर महीने करीब ₹8300 मिल सकते हैं – वो भी बिना किसी जोखिम के।
इस स्कीम की जरूरी बातें
- आयु सीमा: कम से कम 60 साल या VRS के बाद 55 साल
- निवेश राशि: ₹1000 से लेकर ₹30 लाख तक (नई लिमिट)
- समय अवधि: 5 साल (बाद में 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है)
- ब्याज भुगतान: हर तिमाही
- टैक्स छूट: 80C के तहत छूट
फायदे क्या हैं?
- सरकार की गारंटी: पूरी तरह से सुरक्षित और भरोसेमंद
- हर महीने इनकम: पेंशन जैसा फायदा
- टैक्स बेनिफिट: इनकम टैक्स में छूट मिलती है
- नवीनीकरण की सुविधा: 5 साल बाद 3 साल और बढ़ा सकते हैं
नुकसान क्या हो सकते हैं?
- अगर आपने समय से पहले पैसा निकाला तो थोड़ा जुर्माना देना होगा।
- ब्याज पर टैक्स देना पड़ सकता है, अगर वो तय सीमा से ज्यादा हुआ।
- ब्याज दर सरकार समय-समय पर बदल सकती है।
जरूरी डॉक्यूमेंट
- आधार कार्ड / पैन कार्ड
- उम्र प्रमाण पत्र (जैसे जन्म प्रमाणपत्र)
- पेंशन या रिटायरमेंट का प्रूफ (अगर VRS के तहत हैं)
- एड्रेस प्रूफ
रियल लाइफ एक्सपीरियंस
मेरे एक जानने वाले, शर्मा अंकल, जो रेलवे से रिटायर हुए हैं, उन्होंने ₹15 लाख इस स्कीम में लगाए। अब उन्हें हर महीने करीब ₹10,250 मिलते हैं, जिससे उनका बिजली, दवा, दूध और बाकी खर्चा आसानी से निकल जाता है। ना शेयर मार्केट का टेंशन, ना किसी घोटाले का डर – बस हर महीने एक तय अमाउंट बैंक में आ जाता है।
कौन लोग इस स्कीम में निवेश करें?
- जो 60 साल से ऊपर हैं और रिटायर हो चुके हैं
- जिन्हें फिक्स और सुरक्षित इनकम चाहिए
- जो टैक्स में छूट पाना चाहते हैं
- जिनके पास सेविंग है पर रिस्क लेने का मन नहीं
अगर आप या आपके घर में कोई बुजुर्ग हैं और रिटायरमेंट के बाद एक भरोसेमंद इनकम चाहते हैं, तो SBI की SCSS स्कीम एक शानदार विकल्प है। बिना किसी जोखिम के हर महीने अच्छा खासा ब्याज, टैक्स में छूट और सरकार की गारंटी – इससे बेहतर क्या चाहिए?