PM Awas Yojana – प्रधानमंत्री आवास योजना 2025 को लेकर इस बार एक बड़ा खुलासा हुआ है जो शहरी गरीबों के लिए चलाई जा रही इस योजना की पारदर्शिता पर सवाल भी खड़े करता है और साथ ही प्रशासन की सख्ती को भी उजागर करता है। दरअसल इस योजना के तहत जिन लोगों ने पक्का घर बनाने के लिए आवेदन किया था उनमें से बड़ी संख्या में ऐसे लोग सामने आए हैं जिनके पास पहले से ही पक्का मकान मौजूद था। नगर निगम की जांच में यह खुलासा होते ही ऐसे 100 से ज्यादा लोगों के आवेदन रद्द कर दिए गए हैं।
जरूरी दस्तावेज जमा न करने वालों पर भी गिरी गाज
सिर्फ फर्जीवाड़ा करने वाले ही नहीं बल्कि वे लोग भी अब लाभ से वंचित हो जाएंगे जिन्होंने बार-बार सूचना देने के बावजूद जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए। नगर निगम के अनुसार 430 ऐसे आवेदक हैं जिनको कई बार याद दिलाने के बाद भी दस्तावेज नहीं मिले। अब निगम ऐसे सभी आवेदनों को भी रद्द करने की तैयारी कर रहा है और साफ कर दिया गया है कि अब और कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा।
तीसरे चरण के आंकड़े चौंकाने वाले
वर्ष 2023 में योजना के तीसरे चरण के तहत कुल 973 आवेदन प्राप्त हुए थे। इन सभी आवेदनों की गहन जांच के बाद जो रिपोर्ट सामने आई वह काफी चौंकाने वाली रही। कुल 973 में से केवल 343 ही पात्र पाए गए जबकि 600 से ज्यादा आवेदन या तो अपात्र पाए गए या जरूरी दस्तावेजों की कमी के कारण खारिज कर दिए गए।
जनवरी 2025 में नए आवेदन भी हुए हैं
इस साल जनवरी में योजना के लिए एक बार फिर से आवेदन मांगे गए थे जिसमें कुल 1128 लोगों ने फॉर्म भरे। इन नए आवेदनों की जांच अब शुरू हो चुकी है और योजना प्रभारी रोजी मसीह के अनुसार पात्रता की पुष्टि के बाद ही अंतिम सूची जारी की जाएगी।
अब तक बन चुके हैं 1710 मकान
नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत कुल 1710 मकान बनाए जा चुके हैं और इन सभी लाभार्थियों को चारों किस्तों की राशि प्रदान की जा चुकी है। यह किस्तें मकान निर्माण के अलग अलग चरणों में दी जाती हैं ताकि समय पर काम पूरा हो सके।
बकाया किस्त पाने के लिए मकान निर्माण पूरा करना जरूरी
कुछ लाभार्थियों को अब तक दूसरी या तीसरी किस्त नहीं मिली है। इसका कारण यह है कि उन्होंने अब तक अपने मकान का निर्माण पूरा नहीं किया है। जैसे ही मकान बनकर तैयार होगा, उन्हें बाकी की राशि दे दी जाएगी। इसके लिए नगर निगम ने अब निर्माण कार्यों की निगरानी और तेज कर दी है।
86 लाभार्थियों को नोटिस जारी
सिस्टम का सबसे बड़ा दुरुपयोग तब सामने आया जब यह पता चला कि 86 लाभार्थियों ने योजना की पहली और दूसरी किस्त तो ले ली लेकिन मकान का निर्माण शुरू तक नहीं किया। ऐसे लोगों को अब नोटिस भेजा गया है। योजना प्रभारी के मुताबिक अगर अब भी वे निर्माण कार्य शुरू नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी और संभवतः कानूनी कार्रवाई भी होगी।
क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य है कि शहरों में रहने वाले गरीबों को एक पक्का घर मिले। इसके तहत पात्र लोगों को एक निश्चित सहायता राशि दी जाती है जो लगभग डेढ़ लाख से ढाई लाख रुपये तक हो सकती है। यह राशि लाभार्थी के बैंक अकाउंट में सीधे ट्रांसफर की जाती है ताकि वह खुद मकान बनवा सके।
पात्रता की जरूरी शर्तें क्या हैं
योजना का लाभ लेने के लिए कुछ बुनियादी शर्तें निर्धारित की गई हैं। जैसे
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए और शहरी क्षेत्र में रह रहा हो
- परिवार की सालाना आय तीन लाख से कम हो तो वह EWS में आता है और तीन से छह लाख तक आय वाले LIG वर्ग में आते हैं
- किसी भी अन्य स्थान पर आवेदक या उसके परिवार के नाम पर पक्का मकान नहीं होना चाहिए
- महिला मुखिया को प्राथमिकता दी जाती है
- आधार कार्ड, बैंक अकाउंट और जमीन के दस्तावेज भी अनिवार्य हैं
सरकार की मंशा साफ है
इस पूरी प्रक्रिया से यह बात साफ हो गई है कि सरकार अब इस योजना को लेकर काफी सख्त हो गई है। अब सिर्फ उन्हीं लोगों को लाभ मिलेगा जो वाकई इसके हकदार हैं। फर्जीवाड़ा करने वालों या दस्तावेजों में गड़बड़ी करने वालों के लिए अब कोई जगह नहीं है। सरकार की मंशा साफ है कि योजना का लाभ केवल जरूरतमंदों तक ही पहुंचे और सरकारी पैसे का दुरुपयोग किसी भी हालत में न हो।
PM Awas Yojana 2025 के ताजा घटनाक्रम से यह समझा जा सकता है कि सरकार अब योजना को लेकर बेहद सतर्क हो गई है। फर्जीवाड़ा करने वालों पर कार्रवाई होना इस बात का संकेत है कि अब योजनाओं को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में प्रशासन गंभीर है। इससे उन सच्चे जरूरतमंदों को राहत मिलेगी जो वाकई इस योजना के जरिए अपना पक्का घर बनाना चाहते हैं।