Retirement Age Hike – पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनलों तक, हर जगह एक ही चर्चा गर्म थी – क्या सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र घटाने वाली है? ऑफिस में, पब्लिक फोरम पर, यहां तक कि व्हाट्सऐप ग्रुप्स में भी ये सवाल घूम रहा था कि क्या अब सरकारी कर्मचारी जल्दी रिटायर कर दिए जाएंगे? लेकिन अब सरकार की तरफ से इस पर पूरी तरह से स्थिति साफ कर दी गई है।
अगर आप भी सरकारी नौकरी में हैं या किसी सरकारी कर्मचारी को जानते हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है।
कैसे शुरू हुई रिटायरमेंट उम्र घटाने की चर्चा?
असल में, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में यह दावा किया जा रहा था कि सरकार युवाओं को नौकरी देने के लिए सीनियर कर्मचारियों को जल्दी रिटायर करना चाहती है। कई जगह यह कहा गया कि रिटायरमेंट की उम्र 60 से घटाकर 58 साल की जा सकती है। इसी के बाद से कर्मचारियों के बीच बेचैनी बढ़ने लगी थी।
जो लोग पहले से रिटायरमेंट के करीब हैं, वे सोच में पड़ गए थे कि अब क्या होगा? जो प्लानिंग उन्होंने अपने फ्यूचर के लिए कर रखी थी, क्या सब बदल जाएगा?
कर्मचारियों की चिंता जायज़ थी
सोचिए अगर आप 58 की उम्र में रिटायर हो जाते हैं, जबकि आपकी सारी प्लानिंग 60 के हिसाब से की गई है, तो जाहिर है कि आर्थिक रूप से झटका लगेगा। बच्चों की पढ़ाई, लोन की किश्तें, रिटायरमेंट फंड – सब कुछ प्रभावित होता।
सरकारी नौकरी में स्टेबिलिटी सबसे बड़ा प्लस पॉइंट मानी जाती है, और अगर उसी में असमंजस की स्थिति बन जाए तो चिंता तो होगी ही।
सांसद ने उठाया मुद्दा, सरकार ने दिया जवाब
इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब संसद में एक बीजेपी सांसद ने सीधे सरकार से पूछ लिया कि क्या रिटायरमेंट की उम्र घटाने का कोई प्लान है?
इसके जवाब में सरकार ने बिल्कुल साफ-साफ कह दिया – “नहीं, ऐसी कोई योजना नहीं है।” सरकार ने कहा कि फिलहाल रिटायरमेंट की उम्र में किसी भी तरह के बदलाव की कोई जरूरत नहीं समझी जा रही है।
यानी, जो जैसा चल रहा है, फिलहाल वैसा ही चलता रहेगा।
वर्तमान में क्या है रिटायरमेंट की उम्र?
अभी भारत में ज्यादातर केंद्रीय कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट की उम्र 60 साल है। हालांकि कुछ विभागों में ये 58 साल भी है। और कुछ खास पदों जैसे प्रोफेसर या वैज्ञानिकों के लिए ये सीमा 62 या 65 साल तक भी हो सकती है।
मतलब, एक तय नियम के तहत सब चलता है। लेकिन हर पद और विभाग के हिसाब से थोड़ा अंतर जरूर होता है।
तो फिर रोजगार कैसे मिलेगा युवाओं को?
अब सवाल उठता है कि जब रिटायरमेंट की उम्र घटेगी नहीं, तो युवाओं को नौकरी कैसे मिलेगी? इस पर भी सरकार ने जवाब दिया है।
सरकार ने कहा है कि वह युवाओं के लिए नौकरी के नए रास्ते खोलने पर ध्यान दे रही है – जैसे रोजगार मेले, स्टार्टअप्स को बढ़ावा, सरकारी योजनाओं में भर्ती, और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स।
यानि सीनियर कर्मचारियों की नौकरी काटकर नहीं, बल्कि नई नौकरियां पैदा करके युवाओं को मौका देने की सोच चल रही है।
दूसरे देशों में क्या है रिटायरमेंट की स्थिति?
अगर आप सोच रहे हैं कि सिर्फ भारत में ही ऐसी चर्चा होती है तो बता दें कि कई देशों में भी रिटायरमेंट एज को लेकर समय-समय पर बदलाव किए जाते हैं।
जैसे –
- जापान में उम्रदराज़ आबादी के चलते रिटायरमेंट उम्र 65 साल कर दी गई है।
- जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों में भी जीवन प्रत्याशा के हिसाब से ये उम्र बढ़ाई जा रही है।
भारत में फिलहाल 60 साल की उम्र औसत जीवन प्रत्याशा, स्वास्थ्य सेवाएं और पेंशन सिस्टम को ध्यान में रखते हुए संतुलित मानी जाती है।
रिटायरमेंट उम्र क्यों नहीं घटाई जा रही?
सरकार का तर्क है कि अगर उम्र घटाई जाती है तो एक बड़ा वर्ग समय से पहले नौकरी से बाहर हो जाएगा, जिससे न सिर्फ उन्हें नुकसान होगा बल्कि सरकार पर पेंशन और अन्य सुविधाओं का बोझ भी बढ़ेगा।
इसलिए वर्तमान व्यवस्था को बरकरार रखते हुए युवाओं के लिए अलग से योजना बनाई जा रही है।
कर्मचारियों को बड़ी राहत
जो भी लोग इस खबर को लेकर तनाव में थे, उनके लिए यह खबर किसी राहत से कम नहीं। सरकार के इस स्पष्ट जवाब के बाद अब कोई भ्रम नहीं रह गया है।
सरकार ने कहा है कि “कर्मचारी पूरी निश्चिंतता के साथ अपने रिटायरमेंट की योजना बनाएं, उम्र में कोई बदलाव नहीं होगा।”
सरकार की तरफ से आए इस जवाब के बाद यह साफ हो गया है कि फिलहाल रिटायरमेंट की उम्र में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसलिए कर्मचारियों को अफवाहों में पड़ने की जरूरत नहीं है।
अगर आप सरकारी नौकरी में हैं, तो बिना टेंशन के अपने भविष्य की प्लानिंग करते रहें। और अगर आप युवा हैं और नौकरी की तलाश में हैं, तो नए अवसरों की तरफ देखें क्योंकि सरकार रोजगार बढ़ाने के लिए दूसरे रास्तों पर काम कर रही है।