Changes In Banking System – अगर आप बैंक में खाता रखते हैं, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते हैं या फिर चेक से भुगतान करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। 1 मई 2025 से देश की बैंकिंग व्यवस्था में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं जो सीधे तौर पर आम जनता को प्रभावित करेंगे। ये बदलाव न सिर्फ आपके बैंक खाते, सेविंग्स और लेनदेन की प्रक्रिया को बदल देंगे बल्कि आपकी रोजमर्रा की फाइनेंशियल प्लानिंग पर भी असर डालेंगे।
आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे वे पांच बड़े बैंकिंग बदलाव जो 1 मई से लागू हो रहे हैं और साथ ही कुछ ऐसे सुझाव भी देंगे जिनसे आप इन बदलावों के लिए खुद को पहले से तैयार कर सकें।
NEFT और RTGS की टाइमिंग में बदलाव
सबसे पहला बदलाव NEFT और RTGS ट्रांजैक्शन की टाइमिंग को लेकर है। अब NEFT सुविधा पहले की तरह चौबीसों घंटे तो उपलब्ध रहेगी लेकिन इसमें क्लियरेंस में थोड़ी देरी हो सकती है खासकर रात के समय। वहीं RTGS यानी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट की सुविधा अब रात 10 बजे तक उपलब्ध करवा दी गई है।
इस बदलाव का सीधा फायदा व्यापारियों, फ्रीलांसरों और उन लोगों को मिलेगा जो देर रात भी पेमेंट भेजते या प्राप्त करते हैं। उदाहरण के तौर पर एक फ्रीलांसर को पहले पेमेंट मिलने में अगला दिन लग जाता था लेकिन अब तुरंत पेमेंट संभव हो पाएगा।
ATM ट्रांजैक्शन पर नई लिमिट और शुल्क
ATM से पैसे निकालने वालों के लिए यह खबर थोड़ी परेशानी भरी हो सकती है। अब मेट्रो शहरों में सिर्फ 3 फ्री ट्रांजैक्शन की अनुमति दी गई है जबकि नॉन मेट्रो शहरों में यह संख्या 5 रखी गई है। इसके बाद हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर 21 रुपये तक का शुल्क देना होगा।
इसका मतलब यह है कि अगर आप बार बार एटीएम से पैसे निकालते हैं तो अब आपको कुछ ट्रांजैक्शन के बाद पैसे चुकाने होंगे। ऐसे में डिजिटल पेमेंट की आदत डालना अब ज्यादा जरूरी हो गया है।
बचत खातों की ब्याज दरों में कटौती
बैंक अपने ग्राहकों को सेविंग अकाउंट पर जो ब्याज देते हैं उसमें अब कटौती की जा रही है। देश के बड़े बैंकों जैसे एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एक्सिस और कोटक महिंद्रा बैंक ने अपनी ब्याज दरें घटा दी हैं। जैसे एसबीआई की ब्याज दर अब 2.70 प्रतिशत से घटकर 2.50 प्रतिशत हो गई है। इसी तरह दूसरे बैंकों ने भी अपनी दरों में कमी की है। इसका असर उन लोगों पर पड़ेगा जिनकी बड़ी रकम सेविंग अकाउंट में पड़ी रहती है। अब उन्हें कम ब्याज मिलेगा जिससे उनकी इनकम घट सकती है। ऐसे में निवेश के विकल्प जैसे एफडी, म्युचुअल फंड या पोस्ट ऑफिस स्कीम्स को अपनाना बेहतर होगा।
चेक क्लियरिंग सिस्टम में बदलाव
- अब बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह डिजिटल हो रहा है और इसी दिशा में एक और बड़ा बदलाव है चेक क्लियरिंग को लेकर।
- अब से 50000 रुपये या उससे ऊपर के चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम अनिवार्य कर दिया गया है।
- इस सिस्टम के तहत आपको बैंक को पहले से सूचित करना होगा कि आपने चेक जारी किया है, उसका नंबर, तारीख, अमाउंट और बेनिफिशियरी की डिटेल्स देनी होंगी।
- अगर आपने यह पुष्टि नहीं की तो बैंक चेक को क्लियर नहीं करेगा और वह रद्द माना जाएगा।
- हालांकि यह सिस्टम थोड़ा झंझट भरा जरूर लग सकता है लेकिन इससे चेक धोखाधड़ी के मामलों में बड़ी कमी आएगी और आपका पैसा सुरक्षित रहेगा।
बैंक शाखाओं के खुलने और बंद होने का समय बदला
1 मई से एक और महत्वपूर्ण बदलाव है बैंकों की कार्यप्रणाली में। अब सभी बैंक शाखाएं सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक खुली रहेंगी। यह समय सोमवार से शुक्रवार तक लागू होगा जबकि शनिवार को केवल आधे दिन यानी दोपहर 1 बजे तक काम होगा। इस नियम से ग्राहकों को बैंक के समय को लेकर कोई भ्रम नहीं रहेगा और खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
कैसे रखें खुद को तैयार – कुछ जरूरी सुझाव
इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए आपको भी अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को थोड़ा स्मार्ट बनाना होगा।
- यदि आप अब तक डिजिटल पेमेंट से दूरी बनाए हुए हैं तो अब समय है कि UPI, नेट बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल शुरू करें
- सेविंग अकाउंट में बहुत ज्यादा रकम रखने से बेहतर है कि उसे एफडी या अन्य निवेश स्कीम में डालें जहां ब्याज ज्यादा मिलेगा
- अपने खाते में SMS अलर्ट और ईमेल नोटिफिकेशन एक्टिव रखें ताकि हर ट्रांजैक्शन की जानकारी आपको तुरंत मिल सके
- अगर आप चेक से भुगतान करते हैं तो पॉजिटिव पे सिस्टम के तहत जरूरी जानकारियां समय रहते बैंक को जरूर भेजें
- नए ATM नियमों को ध्यान में रखते हुए कम बार पैसा निकालें और अधिक से अधिक डिजिटल ट्रांजैक्शन करें
1 मई 2025 से लागू होने वाले ये बैंकिंग नियम न सिर्फ सिस्टम को अपडेट कर रहे हैं बल्कि हमारे व्यवहार में भी एक सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।
अगर आप इन नियमों को समझकर समय पर कदम उठाते हैं तो न सिर्फ आपकी फाइनेंशियल हेल्थ बेहतर होगी बल्कि अनचाही परेशानियों से भी बच सकेंगे।
इसलिए इन बदलावों को नजरअंदाज ना करें बल्कि इसे एक मौका समझें अपने पैसे को बेहतर तरीके से मैनेज करने का।