CNG Price Hike – अगर आप भी सीएनजी से चलने वाली गाड़ी चलाते हैं तो ये खबर आपको थोड़ा परेशान कर सकती है क्योंकि एक बार फिर से CNG के दाम बढ़ा दिए गए हैं और इस बार यह असर सीधे आपकी जेब पर पड़ने वाला है खासकर उन शहरों में जहां सीएनजी का रोजमर्रा में भारी उपयोग होता है जैसे कि कानपुर।
सीएनजी अब 97 रुपये प्रति किलोग्राम
कंप्रेस्ड नेचुरल गैस यानी CNG की नई कीमत 97 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है पहले यह दर 96 रुपये थी यानी सिर्फ एक रुपये की बढ़ोतरी दिख रही है लेकिन जब बात रोजाना हजारों किलो सीएनजी की खपत की हो तो एक रुपये की भी बढ़ोतरी से लाखों का फर्क पड़ जाता है यह नई कीमत 21 अप्रैल 2025 की आधी रात से लागू हो गई है और इसका असर तुरंत ही दिखाई देने लगा है।
एलपीजी के बाद अब सीएनजी भी महंगी
कुछ ही दिनों पहले सरकार ने घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी की थी और अब CNG के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं यानी एक तरफ रसोई का बजट बिगड़ रहा है और दूसरी ओर यात्रा खर्च भी जेब पर भारी पड़ रहा है आम उपभोक्ता के लिए ये डबल मार जैसी स्थिति हो गई है।
कानपुर में सीएनजी से चलते हैं 70 हजार वाहन
कानपुर जैसे बड़े शहर में CNG से चलने वाले वाहनों की संख्या लगभग 70 हजार है इसमें निजी कारें, टैक्सी, ऑटो, पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसी गाड़ियां शामिल हैं यानी सीधे शब्दों में कहें तो हर दूसरा वाहन चालक इस बढ़ोतरी से प्रभावित हो रहा है।
रोजाना होती है 92 हजार किलो CNG की खपत
Central UP Gas Limited यानी CUGL के अनुसार शहर में रोजाना 92 हजार किलो सीएनजी की खपत होती है ऐसे में जब एक रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी होती है तो इसका सीधा असर लाखों रुपये के अतिरिक्त खर्च के रूप में सामने आता है यह केवल आंकड़े नहीं हैं बल्कि हर ड्राइवर की जेब से हर दिन कुछ और ज्यादा पैसा निकल रहा है।
कानपुर में 55 पंप और 220 डिस्पेंसर से होती है आपूर्ति
शहर में सीएनजी की सप्लाई के लिए 55 पंप और 220 डिस्पेंसर मौजूद हैं यहां हर दिन लंबी लाइनें देखने को मिलती हैं खासकर सुबह और शाम के वक्त जब लोग काम पर जा रहे होते हैं या वापस लौट रहे होते हैं अब इन लाइन में लगने वालों को पहले से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।
सीयूजीएल ने बताई कीमत बढ़ाने की वजह
CUGL के वरिष्ठ प्रबंधक मुही खान ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण यह फैसला लिया गया है उन्होंने यह भी बताया कि नवंबर 2024 के बाद पहली बार अप्रैल 2025 में CNG की कीमत में इजाफा किया गया है यानी पांच महीने बाद फिर से महंगाई का झटका लगा है।
सीएनजी की कीमतों का इतिहास
अगर हम पिछले दो सालों की बात करें तो CNG की कीमतों में लगातार उतार चढ़ाव देखने को मिला है नीचे दिए गए आंकड़ों से साफ है कि कैसे धीरे धीरे ये कीमतें ऊपर जाती रही हैं।
तारीख | दाम (रुपये प्रति किलोग्राम) |
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16 अप्रैल 2025 | 97 रुपये |
19 नवंबर 2024 | 96 रुपये |
13 जून 2024 | 94 रुपये |
7 मार्च 2024 | 91.75 रुपये |
22 नवंबर 2023 | 94.25 रुपये |
4 अक्टूबर 2023 | 92.90 रुपये |
6 जुलाई 2023 | 94 रुपये |
11 अप्रैल 2023 | 92 रुपये |
8 अप्रैल 2023 | 94.50 रुपये |
इस तालिका से आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि पिछले दो सालों में सीएनजी की कीमतों में बार-बार बदलाव हुआ है और दाम लगातार ऊपर की ओर बढ़े हैं।
फिर भी पेट्रोल और डीजल से सस्ती है CNG
हालांकि CNG के दाम बढ़े हैं लेकिन यह अब भी पेट्रोल और डीजल से सस्ती है फिलहाल पेट्रोल की कीमत 94.49 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 87.55 रुपये प्रति लीटर है लेकिन लगातार बढ़ते CNG दामों से अब इसकी किफायत धीरे धीरे कम होती जा रही है जो पहले सीएनजी को एक सस्ता और इकोनॉमिकल विकल्प मानते थे अब उन्हें दोबारा सोचना पड़ सकता है।
ऑटो चालकों और टैक्सी यूनियनों पर सीधा असर
इस बढ़ोतरी से सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ा है जो पब्लिक ट्रांसपोर्ट में काम करते हैं जैसे कि ऑटो रिक्शा चालकों और टैक्सी यूनियनों पर पहले जहां प्रति किलोमीटर लागत कम होती थी अब बढ़ती सीएनजी कीमतों के कारण या तो उन्हें किराया बढ़ाना होगा या खुद घाटा झेलना होगा।
कई चालकों ने पहले ही चेतावनी दी है कि अगर कीमतों में राहत नहीं दी गई तो वे हड़ताल या विरोध प्रदर्शन का रास्ता अपना सकते हैं इससे आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
सरकार से कीमतें नियंत्रित करने की मांग तेज
स्थानीय संगठनों और चालक यूनियनों ने सरकार से यह मांग की है कि सीएनजी की कीमतों को नियंत्रित किया जाए या टैक्स में राहत दी जाए उनका कहना है कि सरकार एक तरफ सीएनजी को पर्यावरण के अनुकूल और स्वच्छ ईंधन बताती है और दूसरी तरफ इसकी कीमतें बढ़ा रही है जिससे आम आदमी इससे दूर होता जा रहा है।
CNG की कीमत में यह ताजा बढ़ोतरी आम लोगों और खासतौर पर लोअर मिडल क्लास और मजदूर तबके के लिए एक बड़ा झटका है जो रोजमर्रा में सीएनजी का उपयोग करते हैं चाहे बात ऑटो चलाने की हो या टैक्सी या अपनी निजी गाड़ी से काम पर जाने की अब खर्च और बढ़ जाएगा।
अगर सरकार ने जल्द ही इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो इसका असर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर भी देखने को मिलेगा और वाहन चालकों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।