Advertisement

बेटियों को नहीं मिलेगा पिता की संपत्ति में हिस्सा? Supreme Court का 2025 में बड़ा फैसला Daughters Property Rights

Daughters Property Rights  – हाल ही में एक ख़बर सोशल मीडिया पर ज़ोरों से वायरल हुई – “सुप्रीम कोर्ट ने बेटियों को पिता की संपत्ति से बाहर कर दिया है!” अब ऐसे में कई घरों में चर्चा शुरू हो गई, कई लोग डर भी गए कि क्या अब बेटियों को वाकई में पैतृक संपत्ति नहीं मिलेगी?

तो चलिए बिना घबराए जानते हैं कि सच्चाई क्या है।

ये फैसला हर बेटी पर लागू नहीं होता

सबसे पहले – नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई जनरल फैसला नहीं सुनाया है कि बेटियों को अब पिता की संपत्ति में से हिस्सा नहीं मिलेगा। असल में यह फैसला एक स्पेशल केस पर था। इसमें एक बेटी ने खुद ही पिता से सारे रिश्ते खत्म कर लिए थे – यानी उसने न कोई संपर्क रखा, न कोई कानूनी या सामाजिक रिश्ता।

Also Read:
रेलवे ने यात्रियों को किया अलर्ट, मई से टिकट बुकिंग में आएगा जबरदस्त बदलाव – Railway Ticket Booking Rules

कोर्ट ने कहा कि ऐसे हालात में अगर पिता ने पहले ही उसकी पढ़ाई-लिखाई और परवरिश की ज़िम्मेदारी निभा दी हो, तो बेटी बाद में पैतृक या खुद अर्जित की गई प्रॉपर्टी पर दावा नहीं कर सकती।

आम बेटियों के हक अब भी बरकरार हैं

अगर आप या आपकी बेटी का अपने पिता से रिश्ता बना हुआ है – चाहे वो अविवाहित हो, शादीशुदा, तलाकशुदा या विधवा – तो उन्हें पैतृक संपत्ति में बेटों के बराबर हक आज भी मिलता है। कोई बदलाव नहीं हुआ है।

2005 में आया था बड़ा बदलाव

बहुत से लोगों को नहीं पता, लेकिन 2005 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में बड़ा बदलाव हुआ था। इसके तहत बेटियों को भी बेटों की तरह बराबरी से पैतृक संपत्ति में अधिकार मिला था। यानी बेटी का जन्म होते ही वो पिता की जायदाद की लीगल वारिस बन जाती है।

Also Read:
Bank Holiday Rules 2025 अब बैंक सिर्फ 5 दिन खुलेंगे! हर हफ्ते 2 दिन की छुट्टी तय – जानिए नया नियम कब से लागू होगा Bank Holidays Rules

अगर संपत्ति स्व-अर्जित है तो…

यहाँ थोड़ा फर्क आता है। अगर कोई पिता ने खुद मेहनत से कोई प्रॉपर्टी बनाई है (स्व-अर्जित संपत्ति) और वो किसी को वसीयत (Will) में दे चुके हैं – चाहे बेटा हो, बेटी हो या कोई और – तो फिर बेटी उस संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती। लेकिन अगर कोई वसीयत नहीं है, तो बेटियों को भी बराबर का हिस्सा मिलेगा।

कब नहीं मिलेगा हिस्सा?

  • जब बेटी ने खुद पिता से सारे रिश्ते खत्म कर दिए हों (कानूनी या सामाजिक रूप से)
  • अगर पिता ने संपत्ति दान या वसीयत में किसी और को दे दी हो
  • अगर पहले ही शिक्षा और खर्च का पूरा जिम्मा पिता ने निभा दिया हो

कब पूरा हक मिलेगा?

  • जब बात पैतृक संपत्ति की हो – यहाँ बेटी का हक उतना ही है जितना बेटे का
  • शादीशुदा हो, तलाकशुदा या विधवा – हर बेटी को समान अधिकार है
  • अगर कोई वसीयत नहीं बनी है, तो कानून के हिसाब से बराबरी का बंटवारा होगा
  • यहां तक कि बेटी की मृत्यु के बाद उसके बच्चे भी हकदार हो सकते हैं

अफवाहों से दूर रहें

तो अब बात साफ है – जो अफवाहें सोशल मीडिया पर फैली हैं, उन पर भरोसा ना करें। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सिर्फ एक खास केस में आया है, सभी बेटियों के अधिकार आज भी पूरी तरह बरकरार हैं।

अगर आपके घर में संपत्ति को लेकर कोई विवाद है, या कन्फ्यूजन है कि बेटी का कितना हिस्सा बनता है – तो किसी अच्छे वकील से बात करें। गलतफहमियों में न पड़ें और सही जानकारी लेकर आगे कदम बढ़ाएं।

Also Read:
Senior Citizen FD Scheme सीनियर सिटीजन के लिए खुशखबरी! अब 1 लाख की FD पर मिलेंगे 26,000 रुपये का ब्याज Senior Citizen FD Scheme

Leave a Comment