EPFO Pension Hike 2025 – भारत में करोड़ों लोग कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत पेंशन प्राप्त करते हैं। लंबे समय से पेंशन धारक सरकार से न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए यह मांग काफी महत्वपूर्ण हो गई है, जिन्हें महंगाई के चलते अपनी रोजमर्रा की जिंदगी चलाने में कठिनाई हो रही है।
हालांकि, वर्तमान में कर्मचारी पेंशन योजना के तहत मिलने वाली पेंशन राशि काफी कम है, जो कि केवल 1000 रूपए प्रति माह होती है। इस कम पेंशन से पेंशनभोगी अपना गुजारा नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि सरकार से इस पेंशन राशि को बढ़ाने की मांग तेज हो गई है।
EPFO पेंशन बढ़ाने की मांग
कर्मचारी पेंशन योजना के तहत अभी तक लगभग 78 लाख पेंशनधारी हर महीने 1000 रूपए पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। यह राशि इतनी कम है कि इससे उनका परिवार चलाना और इलाज की व्यवस्था करना मुश्किल हो जाता है। इस कारण पेंशनभोगी और उनके समर्थक संगठनों ने सरकार से पेंशन बढ़ाने की अपील की है।
उनका कहना है कि 1000 रूपए की पेंशन महंगाई और आवश्यकताओं को देखते हुए अपर्याप्त है। पेंशन में वृद्धि की मांग के साथ-साथ पेंशनधारी स्वास्थ्य सेवाओं और दवाओं के लिए भी अतिरिक्त सहायता चाहते हैं। कई राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में पेंशन धारकों द्वारा प्रदर्शन और ज्ञापन भी दिए गए हैं, जिसमें पेंशन बढ़ाने की मांग की गई है।
क्यों जरूरी है पेंशन में वृद्धि?
यदि सरकार ईपीएफओ पेंशन में वृद्धि करती है तो इससे रिटायर हो चुके कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार होगा। पेंशनधारी को वित्तीय राहत मिलेगी और वे अपने खर्चों को पूरा करने में सक्षम होंगे। इसके साथ ही वृद्धावस्था में आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी, जिससे बुजुर्ग अपने खर्च खुद उठा सकेंगे।
इसके अलावा, पेंशन बढ़ने से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा का विस्तार होगा। इस बदलाव से सेवानिवृत कर्मचारियों के स्वास्थ्य और दवाओं के खर्चों को भी कवर किया जा सकेगा। कुल मिलाकर, इस पेंशन बढ़ोतरी से कर्मचारियों के जीवन में सुधार आएगा, क्योंकि वर्तमान में जो पेंशन मिल रही है, वह बहुत कम है और गुजारा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
ईपीएफओ पेंशन हाइक के लाभ
अगर सरकार ईपीएफओ पेंशन को बढ़ाती है, तो इसके कई लाभ होंगे। सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि पेंशनभोगी अपने खर्चों को आसानी से पूरा कर सकेंगे। इसके अलावा, उन्हें महंगाई से निपटने में भी मदद मिलेगी। वर्तमान में 1000 रूपए की पेंशन से गुजारा करना काफी कठिन हो गया है, लेकिन 7500 रूपए की पेंशन मिलने से पेंशनधारी को अधिक वित्तीय सहायता मिलेगी।
इसके अलावा, रिटायरमेंट के बाद पेंशन का जीवन स्तर में सुधार होगा और उन्हें अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। बुजुर्गों के लिए यह बहुत अहम है, क्योंकि इस अवस्था में उनका शारीरिक स्वास्थ्य कमजोर हो सकता है और उन्हें अधिक वित्तीय मदद की आवश्यकता होती है।
किन्हें मिलेगा ईपीएफओ पेंशन?
ईपीएफओ पेंशन योजना का लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलता है, जो निम्नलिखित पात्रता मानकों को पूरा करते हैं:
- कर्मचारी ईपीएस-95 योजना के तहत सदस्य होना चाहिए।
- रिटायरमेंट के समय व्यक्ति की उम्र 58 साल या उससे अधिक होनी चाहिए।
- कर्मचारियों ने कम से कम 10 सालों तक नौकरी की होनी चाहिए।
- व्यक्ति ने ईपीएफओ से जुड़े हुए नियोक्ता के तहत कार्य किया होना चाहिए।
यह पात्रता मानक सुनिश्चित करते हैं कि केवल वे ही लोग पेंशन का लाभ प्राप्त करें जो योजना में पंजीकृत हैं और जिनकी रिटायरमेंट की स्थिति पूरी हो चुकी है।
ईपीएफओ पेंशन कब बढ़ेगी?
अभी तक सरकार ने आधिकारिक रूप से कोई तारीख या घोषणा नहीं की है कि कब पेंशन में वृद्धि की जाएगी। हालांकि, पेंशनधारी और उनके समर्थक संगठन लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही इस पर निर्णय लेगी, क्योंकि कर्मचारियों की मांग काफी मजबूत हो चुकी है।
जब सरकार पेंशन राशि बढ़ाएगी, तो उस समय यह स्पष्ट होगा कि पेंशन को 7500 रूपए तक बढ़ाया जाएगा या नहीं। फिलहाल, पेंशन बढ़ाने की मांग पूरी तरह से सरकार के फैसले पर निर्भर है।
ईपीएफओ पेंशन में बढ़ोतरी की मांग का असर न केवल पेंशनधारियों पर पड़ेगा, बल्कि इससे देश के लाखों बुजुर्गों के जीवन स्तर में सुधार होगा। हालांकि, सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन पेंशनधारी उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जल्दी ही इस पर फैसला लेगी।