EPS Pension Increase – अगर आप प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं और आपका पीएफ कटता है, तो ये खबर आपके लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है। केंद्र सरकार अब निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की पेंशन योजना में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। लंबे समय से अटकी इस योजना पर अब सरकार गंभीरता से विचार कर रही है और अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो आने वाले समय में कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन की राशि तीन गुना तक बढ़ सकती है।
सरकार का बड़ा कदम
सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को लेकर तो पहले से ही कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन अब सरकार की नजर प्राइवेट सेक्टर के उन कर्मचारियों पर है जो ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अंतर्गत आते हैं। अभी तक उन्हें रिटायरमेंट के बाद जो पेंशन मिलती है, वह बहुत कम होती है। ऐसे में अब सरकार इस पेंशन को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।
सूत्रों की मानें तो सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत न्यूनतम पेंशन को मौजूदा 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये करने की तैयारी कर रही है। अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है, तो लाखों कर्मचारियों को सीधा फायदा होगा।
ईपीएफ और ईपीएस का गणित
फिलहाल कर्मचारियों के वेतन से 12 फीसदी कटौती होती है जो पूरी तरह ईपीएफ खाते में जमा होती है। वहीं, नियोक्ता द्वारा भी 12 फीसदी योगदान किया जाता है, जिसमें से 8.33 फीसदी ईपीएस यानी पेंशन योजना में और बाकी 3.67 फीसदी ईपीएफ में जमा होता है।
इस स्कीम का मकसद यही है कि जब कर्मचारी रिटायर हो, तो उसे एक सुनिश्चित पेंशन मिल सके। लेकिन सच्चाई यह है कि फिलहाल बड़ी संख्या में ऐसे रिटायर्ड कर्मचारी हैं, जिन्हें हर महीने सिर्फ 1,000 रुपये की पेंशन मिल रही है। आज के समय में यह राशि न के बराबर है, खासकर जब महंगाई लगातार बढ़ रही हो।
कितनी हो सकती है पेंशन
सरकार की योजना के मुताबिक अब इस न्यूनतम पेंशन को सीधे तीन गुना बढ़ाकर 3,000 रुपये किया जा सकता है। साल 2020 में सरकार ने 2,000 रुपये पेंशन का प्रस्ताव भी भेजा था, लेकिन किसी वजह से यह प्रस्ताव मंजूरी नहीं पा सका। अब उम्मीद की जा रही है कि इस बार सरकार इस प्रस्ताव को पारित कर सकती है।
क्या कहता है आंकड़ा
फिलहाल ईपीएस योजना के तहत करीब 78.5 लाख से ज्यादा पेंशनधारी हैं, जिनमें से लगभग 36.6 लाख लोगों को सिर्फ 1,000 रुपये मिलते हैं। ऐसे में अगर न्यूनतम पेंशन 3,000 रुपये की जाती है, तो इससे लाखों लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आ सकता है।
इस योजना पर खर्च की बात करें तो वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने ईपीएस के तहत 1,223 करोड़ रुपये खर्च किए, जो पिछले साल के मुकाबले 26 प्रतिशत ज्यादा है। जाहिर है, अगर पेंशन राशि बढ़ाई जाती है, तो सरकार का बोझ भी काफी बढ़ जाएगा।
पेंशनधारियों की मांग
वहीं दूसरी ओर पेंशनधारी इससे भी ज्यादा की मांग कर रहे हैं। हाल ही में ईपीएस पेंशनर्स का एक प्रतिनिधिमंडल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिला और उन्होंने न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह करने की मांग रखी। हालांकि सरकार की तरफ से फिलहाल कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है।
महंगाई का असर
बीते 11 वर्षों में खुदरा महंगाई दर में लगभग 72 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में यह साफ है कि वर्तमान पेंशन राशि से गुजारा करना मुश्किल होता जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार अब पेंशन को तिगुना करने की योजना बना रही है।
सरकार की यह पहल निश्चित तौर पर निजी क्षेत्र में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आएगी। अगर योजना लागू हो जाती है, तो इससे न सिर्फ रिटायर्ड कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने में भी मदद मिलेगी।