Gold Price Today – सोने की कीमतें हमेशा लोगों के दिलों में खास जगह रखती हैं। जब भी सोने के दाम बढ़ते हैं या घटते हैं, तो हर किसी की नजरें इन पर होती हैं, खासकर उन लोगों की जो इसे निवेश के रूप में खरीदने की सोच रहे होते हैं। सोने ने ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम का ऐतिहासिक आंकड़ा छुआ था, लेकिन अब इसमें गिरावट देखने को मिल रही है। 25 अप्रैल को सोने के दाम ₹90,000 (22 कैरेट) और ₹98,200 (24 कैरेट) प्रति 10 ग्राम के आसपास चल रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस समय सोने की कीमतों में थोड़ी गिरावट आई है।
तो क्या यह सोने की खरीदारी का सही मौका है? आइए, इस बारे में विस्तार से समझते हैं।
सोने की कीमतों में गिरावट के कारण
सोने की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सुधार और निवेशकों की मुनाफावसूली है। विशेषज्ञों के अनुसार, जब सोने की कीमतें ऊंची होती हैं, तो निवेशक अपने मुनाफे को लेकर बेचने की प्रक्रिया में जुट जाते हैं, जिससे कीमतों में गिरावट आती है। इसके अलावा, वैश्विक बाजारों में होने वाले उतार-चढ़ाव भी इस गिरावट का एक कारण हो सकते हैं।
चांदी की कीमतों में भी मामूली गिरावट आई है। चांदी का दाम 25 अप्रैल 2025 को ₹1,00,900 प्रति किलो के आसपास था, जो बुधवार के मुकाबले ₹200 सस्ता हो गया है। हालांकि, यह अभी भी ₹1 लाख के ऊपर है, जो यह दर्शाता है कि चांदी की मांग अभी भी बाजार में बनी हुई है।
भारत में सोने की कीमतें
भारत के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें भी उतार-चढ़ाव के साथ बदल रही हैं। 25 अप्रैल 2025 को विभिन्न शहरों में सोने के दाम इस प्रकार थे:
- दिल्ली: 22 कैरेट सोना ₹90,200, 24 कैरेट सोना ₹98,340
- मुंबई: 22 कैरेट सोना ₹90,050, 24 कैरेट सोना ₹98,240
- चेन्नई: 22 कैरेट सोना ₹90,050, 24 कैरेट सोना ₹98,240
- कोलकाता: 22 कैरेट सोना ₹90,050, 24 कैरेट सोना ₹98,240
- जयपुर: 22 कैरेट सोना ₹90,200, 24 कैरेट सोना ₹98,340
यह आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि सोने की कीमतों में शहरों के हिसाब से थोड़ा बहुत फर्क रहता है, जो मुख्य रूप से टैक्स और स्थानीय मांग की वजह से होता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव का एक बड़ा कारण अंतरराष्ट्रीय तनाव और व्यापारिक विवाद हैं। जैसे कि अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव ने सोने की कीमतों को प्रभावित किया है। जब वैश्विक अनिश्चितता बढ़ती है, तो लोग सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं और इसकी मांग बढ़ जाती है, जिससे कीमतों में वृद्धि होती है। वहीं, जब बाजार में सुधार होता है और निवेशक मुनाफा निकालने की प्रक्रिया में होते हैं, तो सोने की कीमतें घटने लगती हैं।
आगे क्या हो सकता है सोने का भाव?
बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की कीमतें आगे क्या होंगी, यह वैश्विक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। अगर अमेरिका-चीन के बीच विवाद कम होता है और दुनिया में भू-राजनीतिक संकट में कमी आती है, तो अगले छह महीनों में सोने की कीमत ₹75,000 प्रति 10 ग्राम तक आ सकती है। वहीं, अगर वैश्विक तनाव और बढ़ता है या अन्य संकट आते हैं, तो सोने की कीमत ₹1,38,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है।
यह आंकड़े यह दिखाते हैं कि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव लगातार हो सकता है, और निवेशकों को इस पर सतर्कता से नजर रखने की आवश्यकता है।
भारत में सोने की कीमत तय करने वाले मुख्य कारण
भारत में सोने की कीमतों को कई कारक प्रभावित करते हैं:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमत: लंदन बुलियन मार्केट में सोने की कीमतों का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ता है।
- रुपया-डॉलर विनिमय दर: अगर रुपया कमजोर होता है, तो सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं, क्योंकि आयात शुल्क में वृद्धि होती है।
- सरकारी टैक्स और इंपोर्ट ड्यूटी: भारत में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी और टैक्स का प्रभाव भी कीमतों में बदलाव करता है।
- स्थानीय डिमांड और सप्लाई: शादी और त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने से सोने की कीमतें ऊपर जाती हैं।
- रिजर्व बैंक और अन्य केंद्रीय बैंकों की नीतियां: केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीददारी और बिक्री भी कीमतों को प्रभावित करती है।
इन सभी कारणों के संयोजन से भारत में सोने की कीमत तय होती है।
सोने की मांग – शादी और निवेश दोनों के लिए
भारत में सोने की मांग सिर्फ निवेश तक सीमित नहीं है। यह हमारे समाज और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। शादी, पूजा, त्योहारों और धार्मिक आयोजनों में सोने की खरीदारी शुभ मानी जाती है। इसलिए, कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत में सोने की मांग हमेशा बनी रहती है।
निवेशकों के लिए सलाह
अगर आप सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो आपको इस समय थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता है। सोने की कीमतें अभी ऊपरी स्तर पर हैं और मुनाफावसूली का दौर चल रहा है, जिससे कीमतों में गिरावट हो सकती है। ऐसे में निवेश से पहले आपको यह देखना चाहिए
इसके अलावा, Sovereign Gold Bonds (SGBs) और Digital Gold जैसे विकल्प भी उपलब्ध हैं, जो फिजिकल गोल्ड के मुकाबले सुरक्षित और टैक्स के लिहाज से बेहतर साबित हो सकते हैं।
इस समय सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है, जो खरीदारों के लिए अच्छा अवसर हो सकता है। अगर आप सोने में निवेश की सोच रहे हैं, तो आपको बाजार के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए सतर्क निर्णय लेने की आवश्यकता है। सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव सामान्य है, लेकिन यह भी सच है कि यह निवेश के लिए सुरक्षित और लंबे समय तक लाभकारी साबित हो सकता है, खासकर जब वैश्विक बाजार में अस्थिरता हो।