Gold Rate – सोने के दामों में पिछले कुछ दिनों में जो उतार-चढ़ाव आया है, वह निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए बहुत दिलचस्प साबित हो रहा है। जहां कुछ दिन पहले सोने ने रिकॉर्ड तोड़ने के बाद अचानक से गिरावट दिखाई, वहीं इसके कारणों और भविष्य में इसके दामों के बारे में एक्सपर्ट्स भी कई अनुमान लगा रहे हैं। अगर आप सोने में निवेश करने का सोच रहे हैं या फिर सिर्फ सोने के दामों को लेकर उत्सुक हैं, तो यह जानकारी आपके लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकती है। आइए जानते हैं कि सोने के दामों में इस उतार-चढ़ाव के पीछे क्या कारण हैं, और आने वाले दिनों में इसकी कीमतें कैसी रह सकती हैं।
सोने के दाम बढ़ने के प्रमुख कारण
सोने के दामों में वृद्धि के पीछे सबसे बड़ा कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की मजबूत स्थिति है। जब डॉलर कमजोर होता है, तब सोने की मांग बढ़ती है और इसकी कीमतें भी चढ़ती हैं। हाल ही में अमेरिकी डॉलर अपने तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच चुका है, जिससे सोने की कीमतों में उछाल आया है। इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव भी सोने की कीमतों में इजाफा करने का एक महत्वपूर्ण कारण है।
यह व्यापार तनाव और टैरिफ वॉर के कारण बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। जब बाजार में अनिश्चितता होती है, तो निवेशक सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में चुनते हैं। सोने को अक्सर “सेफ हेवन” (safe haven) कहा जाता है, क्योंकि यह अपने मूल्य को अधिक समय तक बनाए रखता है और लंबे समय में अच्छा रिटर्न देने की संभावना रहती है। यही कारण है कि जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में संकट होता है, तो लोग अपनी पूंजी सोने में निवेश करते हैं।
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव ने भी सोने के दामों को प्रभावित किया है। दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में असमंजस और टैरिफ की समस्याएं बढ़ी हैं। चीन का कहना है कि अमेरिका को एकतरफा टैरिफ हटाना चाहिए, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर थोड़ा नरम रुख अपनाया है। जब यह खबरें आईं, तो बाजार में थोड़ी स्थिरता आई, लेकिन फिर भी सोने की मांग बनी रही, जो इसके दामों को प्रभावित करती रही।
सोने के दामों में गिरावट
हाल ही में, सोने के दामों में एक गिरावट आई है, जो कुछ समय पहले तक लगातार बढ़ रहे थे। एमसीएक्स पर दस ग्राम सोने की कीमत कुछ दिन पहले 99,358 रुपये तक पहुंच गई थी, लेकिन अब यह गिरकर 95,600 रुपये प्रति दस ग्राम तक आ गई है। इसके बाद, कल जून वायदा भी 96,188 रुपये तक पहुंच गया था। सोने की कीमतों में यह उतार-चढ़ाव इस बात का संकेत है कि सोने का बाजार पूरी तरह से अस्थिर हो सकता है, हालांकि इसकी लंबी अवधि की प्रवृत्तियां अक्सर ऊपर की ओर ही जाती हैं।
2025 में सोने के दामों में लगातार वृद्धि
इस साल सोने के दामों में 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। वहीं, सिर्फ अप्रैल महीने में ही सोने की कीमतों में 7 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। इस प्रकार, सोने के दामों में यह तेजी दर्शाता है कि 2025 की पहली तिमाही के दौरान सोने के बाजार में जोरदार उछाल आ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बढ़ोतरी आगामी महीनों में भी जारी रह सकती है, खासकर यदि वैश्विक परिस्थितियां अनिश्चित बनी रहती हैं।
मई तक सोने की कीमतें
अगर आप सोने के दामों को लेकर अनुमानित आंकड़े जानने के लिए उत्सुक हैं, तो एक्सपर्ट्स के अनुसार, मई तक सोने के दाम फिर से 1 लाख रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच सकते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अक्षय तृतीया के मौके पर सोने की मांग में काफी बढ़ोतरी हो सकती है। इस दौरान, सोने के गहनों की अधिक बिक्री होगी, और इस बिक्री का असर सोने के दामों पर पड़ेगा। हालांकि, सोने के दामों में उतार-चढ़ाव की संभावना बनी रहती है, क्योंकि यह पूरी तरह से बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है।
क्या सोने में निवेश करना सही रहेगा?
सोने के दामों में उतार-चढ़ाव के बावजूद, यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। विशेष रूप से तब, जब वैश्विक आर्थिक हालात अस्थिर होते हैं, सोना एक बेहतर विकल्प बन जाता है। अगर आप सोच रहे हैं कि क्या सोने में निवेश करना सही रहेगा, तो यह पूरी तरह से आपके निवेश की समयसीमा और जोखिम सहने की क्षमता पर निर्भर करता है। यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और जोखिम से बचना चाहते हैं, तो सोना आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि, अगर आप तुरंत लाभ की उम्मीद करते हैं, तो आपको सोने के दामों में उतार-चढ़ाव को समझकर ही निवेश करना चाहिए।
इस समय सोने के दामों में जो उतार-चढ़ाव हो रहा है, वह निवेशकों के लिए एक मौका भी हो सकता है। हालांकि, यह भी सच है कि सोने के दामों में आने वाले दिनों में और भी उतार-चढ़ाव हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मई तक सोने के दामों में एक बार फिर तेजी आ सकती है, खासकर अक्षय तृतीया के मौके पर। ऐसे में, अगर आप सोने में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो आपको बाजार की परिस्थितियों और अपनी निवेश योजनाओं के बारे में सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए।