Gold Rate Today – 23 अप्रैल 2025 को सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। दिल्ली में 24 कैरेट गोल्ड की कीमत सीधे ₹99,800 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई और जब इसमें GST जोड़ा गया तो ये आंकड़ा ₹1 लाख को भी पार कर गया। कमोडिटी एक्सचेंज MCX पर भी गोल्ड फ्यूचर्स ट्रेडिंग में ₹1 लाख से ऊपर पहुंच गए। अब ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या अब गोल्ड में निवेश करना समझदारी है और अगर हां तो किस तरीके से किया जाए जिससे फायदा हो और रिस्क कम हो।
अगर आप भी सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं तो ये जानना जरूरी है कि इसके कई विकल्प मौजूद हैं। अब ये आपकी जरूरत और निवेश की योजना पर निर्भर करता है कि कौन सा विकल्प आपके लिए सबसे सही रहेगा। तो चलिए जानते हैं गोल्ड में निवेश के चार प्रमुख तरीकों के बारे में।
1. गोल्ड ETF: डिजिटल जमाने का स्मार्ट ऑप्शन
गोल्ड ETF यानी गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एक ऐसा तरीका है जिसमें आपको असली सोना खरीदने की जरूरत नहीं होती। इसमें आप अपने डीमैट अकाउंट के जरिए स्टॉक एक्सचेंज से गोल्ड ETF की यूनिट खरीद सकते हैं। एक यूनिट एक ग्राम सोने के बराबर होती है। यानी आप जब चाहें खरीद सकते हैं और जब चाहें बेच सकते हैं।
इसमें किसी तिजोरी या लॉकर की जरूरत नहीं होती, न ही चोरी या खोने का डर होता है। इसकी लिक्विडिटी भी बहुत अच्छी होती है और इसमें फिजिकल गोल्ड के मुकाबले कम खर्च आता है। हां, इतना जरूर है कि बाजार में सोने की कीमत घटे या बढ़े तो इसका असर आपके ETF पर भी पड़ेगा।
अगर आप तकनीक से जुड़े हुए हैं और डिजिटल माध्यम से निवेश करना पसंद करते हैं तो गोल्ड ETF आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
2. गोल्ड म्यूचुअल फंड: छोटे-छोटे निवेश से बड़ा फायदा
गोल्ड म्यूचुअल फंड उन लोगों के लिए अच्छा है जो हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम लगाकर लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं। इस फंड में म्यूचुअल फंड कंपनियां आपके पैसे को गोल्ड ETF में लगाती हैं। इसमें आप SIP यानी सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए निवेश कर सकते हैं।
इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि आप बाजार के जोखिम को समय के साथ संतुलित कर सकते हैं और एक बड़ी रकम तैयार कर सकते हैं। इसमें भी लिक्विडिटी की कोई दिक्कत नहीं होती, जब चाहें रिडीम कर सकते हैं। यह तरीका उन लोगों के लिए अच्छा है जो निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं लेकिन एक साथ बड़ी रकम नहीं लगा सकते।
3. फिजिकल गोल्ड: परंपरागत लेकिन थोड़ा महंगा
भारत में आज भी ज्यादातर लोग गोल्ड खरीदना मतलब असली गहने या सिक्के खरीदना ही मानते हैं। शादी हो या कोई खास मौका, फिजिकल गोल्ड खरीदना आज भी एक भावनात्मक और सांस्कृतिक परंपरा है। लेकिन निवेश के लिहाज से इसमें कई चुनौतियां हैं।
फिजिकल गोल्ड खरीदते वक्त आपको मेकिंग चार्ज देना पड़ता है जो दोबारा बेचते समय वापस नहीं मिलता। इसके अलावा सुरक्षा की जिम्मेदारी भी आपकी होती है। चोरी, नुकसान या रखरखाव की चिंता हमेशा बनी रहती है। टैक्स भी ज्यादा लगता है।
अगर आप भावनात्मक वजहों से सोना खरीदना चाहते हैं या त्योहारों पर गहनों में निवेश करना चाहते हैं तो ये तरीका ठीक है लेकिन केवल रिटर्न के लिहाज से यह सबसे अच्छा विकल्प नहीं है।
4. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: सरकार की गारंटी वाला फिक्स रिटर्न
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी SGB सरकार द्वारा जारी किया गया एक बेहतरीन निवेश विकल्प है जिसमें सोने की कीमतों के साथ-साथ आपको 2.5 प्रतिशत सालाना ब्याज भी मिलता है। ये बॉन्ड 8 साल की अवधि के लिए होता है लेकिन 5 साल बाद आप इसे बेच सकते हैं।
इसे स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE या BSE से खरीदा और बेचा जा सकता है और इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है। पिछले कुछ समय से इसकी नई किस्तें जारी नहीं हुई हैं लेकिन बाजार से अभी भी इसे खरीदा जा सकता है।
SGB उन लोगों के लिए बेहतर है जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और साथ में ब्याज भी कमाना चाहते हैं। इसमें फिजिकल गोल्ड जैसा कोई खतरा नहीं होता और यह पूरी तरह सरकार की गारंटी वाला होता है।
आपके लिए कौन सा विकल्प है सबसे बेहतर
अब सवाल ये है कि इतने सारे विकल्पों में से आपके लिए कौन सा सही रहेगा। अगर आप डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सहज हैं और सुरक्षित निवेश चाहते हैं तो गोल्ड ETF या गोल्ड म्यूचुअल फंड आपके लिए बेहतर हैं। इसमें न फिजिकल रिस्क है और न ही ज्यादा खर्च।
अगर आप लंबी अवधि के लिए एक फिक्स रिटर्न चाहते हैं और सरकारी गारंटी भी जरूरी है तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक बेहतरीन विकल्प है। वहीं अगर आप परंपरागत सोच रखते हैं और त्योहार या शादी जैसे मौकों के लिए गोल्ड खरीदना चाहते हैं तो फिजिकल गोल्ड से बेहतर कोई विकल्प नहीं।
सोने की कीमतें इस समय तेजी से बढ़ रही हैं और ₹1 लाख के पार पहुंच चुकी हैं। ऐसे में अगर आप निवेश की सोच रहे हैं तो अभी सही समय हो सकता है लेकिन बिना सोचे समझे नहीं। हर विकल्प के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। इसलिए अपनी जरूरत, समयावधि और जोखिम लेने की क्षमता को ध्यान में रखकर ही निवेश करें।
सोने में समझदारी से किया गया निवेश आने वाले समय में आपको अच्छा रिटर्न दिला सकता है। जरूरत है तो बस सही विकल्प चुनने की।