Indian Currency Update – हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 10 और 500 रुपये के नए नोट जारी करने की घोषणा की है। यह नया कदम महात्मा गांधी (न्यू) सीरीज के तहत उठाया गया है और इन नोटों पर नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे। इस घोषणा के बाद एक सवाल जरूर उठता है कि क्या पुराने 10 और 500 रुपये के नोट अब चलन से बाहर हो जाएंगे? आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं कि नए नोटों का क्या मतलब है और पुराने नोटों का भविष्य क्या होगा।
नए नोट पर गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे
RBI द्वारा जारी किए गए बयान में साफ किया गया है कि इन नए नोटों में केवल गवर्नर के हस्ताक्षर का परिवर्तन किया जाएगा। इसका मतलब है कि पुराने नोटों के मुकाबले केवल हस्ताक्षर में बदलाव होगा। बाकी डिज़ाइन, रंग और आकार वही रहेगा जैसा पहले जारी किए गए 10 और 500 रुपये के नोटों में था। यह बदलाव केवल कागज़ी तौर पर दिखता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पुराने नोट अब अवैध हो जाएंगे या बंद हो जाएंगे। पुराने नोट वैध (Legal Tender) बने रहेंगे और वे पहले की तरह पूरे देश में चलन में बने रहेंगे।
नए नोट क्यों और कब जारी किए जाते हैं?
भारतीय रिजर्व बैंक समय-समय पर नए नोट जारी करता है। इसके पीछे कई कारण होते हैं, जैसे:
- पुराने नोटों का घिसना और खराब होना: समय के साथ पुराने नोट घिस जाते हैं या खराब हो जाते हैं। इसलिए उन्हें बदलने के लिए नए नोट जारी किए जाते हैं।
- डिज़ाइन और सिक्योरिटी फीचर्स का अपडेट होना: बैंक नोट्स की डिज़ाइन को अद्यतन किया जाता है ताकि सिक्योरिटी फीचर्स को और बेहतर बनाया जा सके। इससे नकली नोटों के चलते धोखाधड़ी में कमी आती है।
- गवर्नर की नियुक्ति: जब नए गवर्नर की नियुक्ति होती है, तो उनके हस्ताक्षर वाले नोट जारी किए जाते हैं। इस बार गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर वाले नोट जारी किए जा रहे हैं, जो एक सामान्य प्रथा है।
क्या पुराने नोट बंद हो जाएंगे?
RBI ने स्पष्ट किया है कि पुराने नोट, यानी वे 10 और 500 रुपये के नोट जो पहले से बाजार में हैं, वे पूरी तरह से वैध रहेंगे। इन्हें चलन से बाहर नहीं किया जाएगा। पुराने नोटों का चलन बरकरार रहेगा, और जिन लोगों के पास यह नोट हैं, वे इन्हें बिना किसी परेशानी के उपयोग कर सकते हैं। केवल गवर्नर के हस्ताक्षर बदले गए हैं, बाकी सभी विशेषताएँ वही हैं जो पुराने नोटों में थीं।
100 और 200 रुपये के नोटों पर भी होगा बदलाव?
हाल ही में यह खबर आई थी कि RBI जल्द ही 100 और 200 रुपये के नोटों में भी बदलाव करेगा। इनमें भी केवल गवर्नर के हस्ताक्षर बदलने का प्रस्ताव है, जबकि डिज़ाइन और सिक्योरिटी फीचर्स जैसे पहले ही रहेंगे। इससे यह साफ होता है कि RBI किसी भी नोट के डिज़ाइन में कोई बड़ा बदलाव नहीं कर रहा है, बल्कि केवल गवर्नर के हस्ताक्षर के कारण यह बदलाव हो रहा है।
नोटबंदी के बाद करेंसी में हुए बड़े बदलाव
नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी ने भारतीय करेंसी में बड़े बदलाव किए थे। उस समय 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को अचानक चलन से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद 2000 रुपये का नया नोट जारी किया गया था, जिसे बड़े मूल्यवर्ग के नोट के रूप में पेश किया गया। हालांकि, मई 2023 में RBI ने 2000 रुपये के नोट को धीरे-धीरे बाजार से हटाने का फैसला लिया। इसका मतलब यह था कि 2000 रुपये के नोट का उपयोग कम किया जाएगा और छोटे मूल्यवर्ग के नोटों पर ध्यान दिया जाएगा।
2000 रुपये के नोट का बाजार में बड़ा हिस्सा था, जो करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। इस निर्णय के बाद से RBI छोटे नोटों को प्राथमिकता देने की दिशा में काम कर रहा है। इसका उद्देश्य यह था कि छोटे नोटों की उपलब्धता लोगों के लिए ज्यादा सुविधाजनक हो और नकदी के लेन-देन में भी आसानी हो।
नए नोटों के साथ क्या होगा?
नए 10 और 500 रुपये के नोटों का आना एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। यह बदलाव सिर्फ सरकारी दृष्टिकोण से है और इसका उद्देश्य केवल यह है कि नए गवर्नर की नियुक्ति के बाद उनके हस्ताक्षर वाले नोट मार्केट में आएं। यह ध्यान देने योग्य है कि पुराने नोटों की वैधता को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं किया जाएगा। RBI का यह कदम सिर्फ एक पहचान और सिक्योरिटी फीचर के बदलाव के लिए किया जा रहा है, न कि पुराने नोटों को हटाने के लिए।
अगर आप पुराने 10 और 500 रुपये के नोटों के बारे में चिंतित हैं तो आपको यह जानकर राहत मिलेगी कि ये नोट बंद नहीं होंगे। केवल गवर्नर के हस्ताक्षर में बदलाव किया जा रहा है, और नए नोट इसी बदलाव के साथ जारी किए जा रहे हैं। पुराने नोट पूरी तरह से वैध रहेंगे और उनका चलन जारी रहेगा। यह कदम सिर्फ एक परिचयात्मक बदलाव है, जो इस बात को सुनिश्चित करता है कि नए गवर्नर के हस्ताक्षर वाले नोट भी बाजार में मौजूद हों।