Old 100 Rupee Notes – अगर आपके पास भी पुराने 100 रुपये के नोट पड़े हैं और आप सोच रहे हैं कि अब इनका क्या होगा, तो आपके लिए अच्छी खबर है! हाल ही में RBI ने इस बारे में नई गाइडलाइन जारी की है, जिससे साफ हो गया है कि इन पुराने नोटों को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि आपको क्या करना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना है।
पुराने 100 रुपये के नोट क्यों चर्चा में हैं?
पिछले कुछ सालों में नोटबंदी और नए नोटों के आने के बाद से लोग हर पुराने नोट को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। जब 500 और 1000 के पुराने नोट बंद हुए, तब से ही सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अफवाहें चल रही हैं, जिनमें कहा गया कि 100 के पुराने नोट भी बंद हो जाएंगे। इसी भ्रम को खत्म करने के लिए RBI ने हाल ही में साफ कर दिया है कि पुराने 100 रुपये के नोट अभी भी चलन में हैं। हां, इन्हें धीरे-धीरे सिस्टम से हटाया जा रहा है, लेकिन फिलहाल ये पूरी तरह लीगल हैं।
100 रुपये के पुराने नोट: RBI की नई गाइडलाइन क्या कहती है?
RBI के मुताबिक पुराने 100 रुपये के नोट अभी भी लीगल टेंडर हैं, यानी आप इन्हें लेन-देन में इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपके नोट बहुत पुराने, फटे या खराब हो गए हैं, तो आप इन्हें किसी भी नजदीकी बैंक शाखा में जाकर बदल सकते हैं। 2018 में जो नए डिजाइन वाले बैंगनी रंग के 100 रुपये के नोट आए थे, वे अब मुख्य रूप से वितरित किए जा रहे हैं, लेकिन पुराने नोटों को अभी बंद नहीं किया गया है।
पुराने नोट बदलवाने का सही तरीका क्या है?
अगर आपके पास पुराने या फटे-पुराने 100 रुपये के नोट हैं और आप उन्हें बदलना चाहते हैं, तो यह काफी आसान है। आपको बस अपने नजदीकी बैंक में जाना है। साथ में आधार कार्ड या पैन कार्ड जैसे पहचान पत्र जरूर रखें। बैंक में कैश काउंटर या कस्टमर डेस्क पर जाकर पुराने नोट बदलने की रिक्वेस्ट करें। खास बात यह है कि अगर आपके नोटों की कुल वैल्यू 5000 रुपये तक है, तो बैंक बिना किसी पहचान पत्र के भी आपके नोट बदल देता है।
कौन से पुराने 100 रुपये के नोट अब बन सकते हैं बेशकीमती?
अगर आपके पास कोई खास तरह का 100 रुपये का पुराना नोट है, तो उसकी कीमत कलेक्टर मार्केट में जबरदस्त हो सकती है। जैसे अगर नोट पर “786” वाली नंबर सीरीज है तो उसकी डिमांड ज्यादा होती है। इसके अलावा 1949 या 1957 में छपे नोट, या जिन पर पुराने गवर्नरों के सिग्नेचर हैं (जैसे C.D. Deshmukh या Benegal Rama Rau), उनकी कलेक्टर्स वैल्यू काफी ज्यादा हो सकती है। ऐसे नोट सही कंडीशन में हों तो 500 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक में बिक सकते हैं!
असली और नकली नोट की पहचान कैसे करें?
आज के समय में नकली नोटों से सावधान रहना बेहद जरूरी है। 100 रुपये के असली नोट पहचानने के लिए कुछ बातें ध्यान में रखें। महात्मा गांधी की तस्वीर उभरी हुई और साफ दिखनी चाहिए। नोट के दाएं कोने में जल चिन्ह यानी वॉटरमार्क जरूर होना चाहिए। साथ ही RBI का लोगो और गवर्नर का सिग्नेचर भी साफ-साफ नजर आना चाहिए। नोट को थोड़ा मोड़कर देखने पर बीच में एक सुरक्षा धागा दिखाई देता है, जो रंग बदलता है – ये सारी बातें चेक करना जरूरी है।
लोगों के अनुभव: असल में क्या हुआ?
दिल्ली के मोहित शर्मा ने बताया कि उनके पास 1996 का एक 100 रुपये का नोट था, जिस पर “786” अंक थे। उन्होंने उसे एक ऑनलाइन नुमिज़मैटिक मार्केट में 11,000 रुपये में बेच दिया। वहीं लखनऊ की रेखा वर्मा ने अपने कुछ पुराने और फटे नोट नजदीकी बैंक में जाकर बदले और उन्हें उसी दिन नए नोट मिल गए। ये उदाहरण दिखाते हैं कि अगर सही जानकारी हो तो पुराने नोट भी फायदे का सौदा बन सकते हैं।
RBI का उद्देश्य क्या है?
RBI का मकसद साफ है – लोगों को साफ-सुथरे, टिकाऊ और सुरक्षित नोट मुहैया कराना। इसलिए समय-समय पर पुराने डिजाइन के नोटों को धीरे-धीरे सिस्टम से हटाया जाता है। लेकिन जब तक कोई नोट आधिकारिक तौर पर “अमान्य” घोषित नहीं होता, वह पूरी तरह से मान्य रहता है। इसलिए अगर आपके पास अभी पुराने 100 रुपये के नोट हैं, तो उन्हें निश्चिंत होकर इस्तेमाल कर सकते हैं या बैंक में जाकर बदलवा सकते हैं।
क्या करना है जरूरी? – एक आसान चेकलिस्ट
अगर आपके पास पुराने 100 रुपये के नोट हैं, तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है। अगर नोट फटा हुआ या खराब हालत में है, तो नजदीकी बैंक में जाकर बदलवा लें। अगर नोट पर कोई खास सीरियल नंबर है या वह दुर्लभ नोटों में आता है, तो उसकी वैल्यू ऑनलाइन या कलेक्टर मार्केट में जरूर चेक करें। साथ ही नकली नोटों से बचाव के लिए असली नोट की पहचान के तरीके भी जरूर जान लें।
मेरा निजी अनुभव
मेरे पास भी कुछ पुराने नोट थे, जिनमें से एक 100 रुपये का नोट “786” सीरीज का था। थोड़ा रिसर्च किया और उसे एक कलेक्टर को 7000 रुपये में बेच दिया। बाकी फटे पुराने नोट बैंक में जाकर बड़ी आसानी से बदल दिए। इससे ये सीखा कि सही जानकारी और थोड़ी समझदारी से पुरानी चीजें भी फायदे का जरिया बन सकती हैं।