Old Pension Scheme – अगर आप एक सरकारी कर्मचारी हैं या फिर किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो लंबे समय से सरकारी सेवा में है, तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है। जी हां, एक बार फिर पुरानी पेंशन योजना यानी OPS की वापसी की चर्चा ज़ोरों पर है और इस बार सिर्फ चर्चा नहीं बल्कि 15 मई से एक बड़ा नियम भी बदलने जा रहा है जो लाखों कर्मचारियों की रिटायरमेंट प्लानिंग को सीधा प्रभावित करेगा।
क्या है पुरानी पेंशन योजना यानी OPS
पुरानी पेंशन योजना वह सिस्टम था जिसमें कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद उसकी अंतिम तनख्वाह का लगभग 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाता था। इस योजना में सरकार पूरी जिम्मेदारी लेती थी और कर्मचारियों को आजीवन निश्चित आय मिलती थी। साथ ही इसमें महंगाई भत्ते के हिसाब से पेंशन में बढ़ोतरी होती रहती थी। यह सिस्टम 2004 से पहले तक लागू था लेकिन उसके बाद केंद्र सरकार ने इसे बंद कर न्यू पेंशन स्कीम यानी NPS लागू कर दी।
15 मई से क्या बदलने जा रहा है
अब सबसे बड़ी खबर यह है कि 15 मई 2025 से एक नया नियम लागू हो रहा है जिसके तहत वे कर्मचारी जिनकी नियुक्ति 2004 से पहले की गई थी लेकिन किसी कारणवश उन्हें NPS में डाल दिया गया था, उन्हें अब OPS में लाया जाएगा। इस बदलाव के पीछे एक बड़ा कारण कोर्ट का वह फैसला है जिसमें यह कहा गया कि यदि किसी कर्मचारी की भर्ती प्रक्रिया 2003 में शुरू हो गई थी और बाद में उसे गलती से NPS में डाल दिया गया तो उसे OPS का लाभ मिलना चाहिए।
कौन से कर्मचारी होंगे इसके पात्र
इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा जो
- 31 दिसंबर 2003 या उससे पहले नियुक्त हुए थे
- लेकिन किसी तकनीकी या प्रशासनिक गलती के कारण उन्हें NPS में डाल दिया गया
- या उनकी नियुक्ति प्रक्रिया 2003 में शुरू होकर जॉइनिंग 2004 में हुई
ऐसे कर्मचारी अब विभाग में आवेदन कर के पुरानी पेंशन योजना में शामिल हो सकते हैं। यानी अब उन्हें मार्केट आधारित जोखिम वाली योजना की जगह गारंटीड पेंशन मिलेगी।
वास्तविक उदाहरण से समझें फायदा
माना कि रमेश यादव नामक शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया दिसंबर 2003 में शुरू हुई थी लेकिन उन्हें जॉइनिंग मार्च 2004 में मिली और इसलिए उन्हें NPS में डाल दिया गया। अब नए नियम के तहत रमेश यादव अपने विभाग में आवेदन देकर खुद को OPS में ट्रांसफर करवा सकते हैं।
इसी तरह मध्य प्रदेश के एक क्लर्क सुरेंद्र सिंह, जो 2003 में चयनित हुए लेकिन कार्यभार 2004 में मिला, अब उन्हें भी पुरानी योजना का लाभ मिल सकेगा।
OPS बनाम NPS: फर्क क्या है
- OPS में आजीवन निश्चित पेंशन मिलती है जबकि NPS में पेंशन शेयर मार्केट पर निर्भर होती है
- OPS में सरकार पूरी पेंशन देती है जबकि NPS में कर्मचारी और सरकार दोनों योगदान करते हैं
- OPS में हर 6 महीने में महंगाई भत्ते के हिसाब से पेंशन बढ़ती है जबकि NPS में ऐसा कोई गारंटी नहीं
- OPS में जोखिम नहीं है जबकि NPS पूरी तरह से मार्केट रिस्क पर आधारित है
सरकारी कर्मचारियों की लंबी मांग हुई पूरी
पिछले कई वर्षों से कर्मचारी संगठन यह मांग कर रहे थे कि OPS को फिर से लागू किया जाए क्योंकि NPS के तहत उन्हें रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय नहीं मिलती थी। कई बार विरोध प्रदर्शन, धरने और याचिकाओं के बाद अब जाकर सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है।
राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों ने पहले ही OPS को वापस लागू कर दिया है और अब केंद्र सरकार भी इसमें सक्रिय नजर आ रही है।
आपको क्या करना चाहिए
अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और आपकी नियुक्ति 2004 से पहले की है, तो आपको तुरंत ये स्टेप्स उठाने चाहिए
- सबसे पहले अपनी नियुक्ति की तारीख और संबंधित दस्तावेज चेक करें
- फिर अपने विभाग में संपर्क करें और OPS के लिए आवेदन प्रक्रिया की जानकारी लें
- अगर गलती से आपको NPS में डाला गया है तो विभाग में इसके सुधार के लिए लिखित अनुरोध करें
- कर्मचारी यूनियन से जुड़कर सामूहिक प्रयास करें ताकि आपकी आवाज़ अधिक प्रभावी हो
यह बदलाव क्यों है जरूरी
कई कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट का समय चिंता भरा होता है खासकर जब उनकी आय सुनिश्चित ना हो। OPS की वापसी ऐसे सभी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगी। आजीवन पेंशन न सिर्फ आर्थिक स्थिरता देती है बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करती है।
महंगाई बढ़ने के इस दौर में अगर आपकी पेंशन हर छह महीने में बढ़े और वह भी पूरी तरह सरकारी जिम्मेदारी पर तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।
15 मई से लागू होने वाला नया नियम लाखों सरकारी कर्मचारियों की जिंदगी में बदलाव ला सकता है। अगर आप इसके पात्र हैं तो समय रहते कदम उठाएं। यह मौका सिर्फ एक बार आता है और इसे गंवाना सही नहीं होगा। पुरानी पेंशन योजना सिर्फ एक वित्तीय सहारा नहीं बल्कि एक सम्मानजनक रिटायरमेंट की गारंटी है।
अगर आप भी सोच रहे हैं कि रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी कैसे होगी तो अब चिंता छोड़िए और इस नई व्यवस्था का लाभ उठाने की तैयारी कीजिए।