Advertisement

पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू! OPS स्कीम की वापसी से झूम उठे कर्मचारी और शिक्षक – OPS Scheme Good News

OPS Scheme Good News – पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर देशभर में लंबे समय से शिक्षक और सरकारी कर्मचारी संघर्ष कर रहे हैं। खासकर उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की ओर से लगातार आंदोलन, धरना प्रदर्शन और ज्ञापन दिए जा रहे थे ताकि उन्हें भी फिर से पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सके। अब इन तमाम कोशिशों का असर दिखने लगा है और आखिरकार बड़ी खबर सामने आई है।

22 अप्रैल 2025 का दिन ऐतिहासिक बन गया

22 अप्रैल को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से बेसिक शिक्षा विभाग के तहत एक अहम बैठक बुलाई गई थी। यह बैठक विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों की पेंशन से जुड़ी थी। इस बैठक में वित्त विभाग, कार्मिक विभाग, न्याय विभाग और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक का मकसद यह था कि क्या उन शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जा सकता है जिनकी नियुक्ति नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद हुई लेकिन भर्ती का विज्ञापन उससे पहले निकला था।

इस मुद्दे को लेकर काफी समय से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी क्योंकि बीटीसी 2004 बैच के शिक्षक यह तर्क दे रहे थे कि जब उनकी भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी उस समय पुरानी पेंशन स्कीम लागू थी लेकिन ट्रेनिंग में देरी के चलते उनकी नियुक्ति दिसंबर 2005 में हो पाई और तब तक नई पेंशन योजना लागू हो चुकी थी।

Also Read:
18 महीने की DA की रकम पर आया बड़ा अपडेट – जानिए आपका कितना बनेगा पैसा DA Arrears Update

अब मिला न्याय का साथ

बैठक में इस मुद्दे को गंभीरता से लिया गया और अधिकारियों के बीच इस बात पर सैद्धांतिक सहमति बन गई कि इन शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए। लगभग 46189 शिक्षक ऐसे हैं जिनकी स्थिति इस प्रकार की है और अब इन सभी को OPS का तोहफा मिलने की उम्मीद है।

सुप्रीम कोर्ट का भी बड़ा फैसला

इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में स्पष्ट किया है कि अगर किसी पद का विज्ञापन जनवरी 2004 से पहले निकला है तो उस पर चयनित कर्मचारी को पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत ही लाया जाएगा चाहे नियुक्ति बाद में क्यों न हुई हो। कोर्ट के इस आदेश ने हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों को उम्मीद की नई किरण दी है और अब यह आदेश कई राज्यों में लागू किया जा रहा है।

बीटीसी 2004 बैच के शिक्षक पहुंचे थे मंत्री से मिलने

बैठक के पहले बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल भी बेसिक शिक्षा मंत्री और अन्य अधिकारियों से मिला था। उन्होंने शासनादेश और संबंधित दस्तावेजों के साथ इस मामले को रखा और बताया कि कैसे तकनीकी कारणों की वजह से वे पुरानी पेंशन से वंचित रह गए। इस प्रतिनिधिमंडल की बातों को अधिकारियों ने गंभीरता से सुना और सहमति भी जताई कि यह शिक्षक पुरानी पेंशन के पात्र हैं।

Also Read:
ATM यूजर्स की बढ़ी टेंशन – ATM ट्रांजैक्शन पर अब लगेगा एक्स्ट्रा चार्ज ATM Charge Hike

अब आगे क्या

बैठक में जो सैद्धांतिक सहमति बनी है उसके आधार पर जल्द ही अंतिम निर्णय की घोषणा की जाएगी। इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जो कैबिनेट में भेजा जाएगा और वहां से मंजूरी मिलते ही 46189 शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इससे पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जा चुका है और अब उत्तर प्रदेश भी इस दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है।

पुरानी पेंशन बनाम नई पेंशन में अंतर

पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को आजीवन निश्चित पेंशन मिलती है जो उनकी अंतिम बेसिक सैलरी पर आधारित होती है। वहीं नई पेंशन योजना यानी NPS में पेंशन शेयर बाजार से जुड़ी होती है और यह निश्चित नहीं होती। यही कारण है कि कर्मचारी लगातार OPS की बहाली की मांग कर रहे थे ताकि उन्हें भविष्य में वित्तीय सुरक्षा मिल सके।

शिक्षकों की वर्षों की मेहनत लाई रंग

बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों ने इस योजना के लिए लंबे समय से संघर्ष किया है। सोशल मीडिया से लेकर धरना प्रदर्शन और प्रशासनिक अधिकारियों से संवाद तक उन्होंने हर माध्यम का इस्तेमाल किया ताकि उनकी आवाज सरकार तक पहुंचे। अब जब सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से लिया है और सकारात्मक निर्णय लिया है तो यह जीत सिर्फ इन शिक्षकों की नहीं बल्कि उन लाखों कर्मचारियों की भी है जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।

Also Read:
NEET Admit Card 2025 NEET UG 2025 Admit Card जारी – अभी डाउनलोड करें अपना एडमिट कार्ड NEET Admit Card 2025

उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय एक ऐतिहासिक कदम है जिससे हजारों शिक्षकों को सीधा लाभ मिलेगा। इससे न केवल उनकी भविष्य की सुरक्षा तय होगी बल्कि बाकी राज्यों के कर्मचारियों को भी एक सकारात्मक संदेश जाएगा। यह दिखाता है कि जब एकजुट होकर आवाज उठाई जाए और तार्किक आधार पर अपनी बात रखी जाए तो सरकार को भी फैसला लेना पड़ता है।

Leave a Comment