Advertisement

पेंशन में ₹5000 की जबरदस्त बढ़ोतरी! लाखों लोगों को मिली बड़ी राहत, जानें कब से मिलेगा नया फायदा – Pension Scheme

Pension Scheme – सरकार ने हाल ही में एक बड़ा और सराहनीय फैसला लिया है जो सीधे उन लोगों से जुड़ा है जिन्होंने भाषा के लिए संघर्ष किया था और अपने जीवन के अहम पल मातृभाषा की सेवा में लगा दिए थे। बात हो रही है 1957 के हिंदी आंदोलन में भाग लेने वाले सत्याग्रहियों की जिनकी पेंशन में अब सीधे 5000 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। पहले इन सत्याग्रहियों को 15000 रुपये मासिक पेंशन मिलती थी लेकिन अब यह बढ़ाकर 20000 रुपये कर दी गई है।

यह सिर्फ आर्थिक मदद नहीं बल्कि एक तरह से उन सभी के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है जिन्होंने हिंदी भाषा को पहचान दिलाने के लिए संघर्ष किया। खास बात यह है कि यह फैसला हरियाणा के 161 लाभार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा। इनमें वे सत्याग्रही भी शामिल हैं जो आज भी जीवित हैं और उनके जीवनसाथी भी जिन्हें यह पेंशन मिलती रही है।

कितना पड़ेगा सरकार पर आर्थिक बोझ

सरकार के इस फैसले से सालाना लगभग 96 लाख रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। पहले इस योजना का वार्षिक बजट करीब 2.89 करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर लगभग 3.86 करोड़ रुपये हो जाएगा। लेकिन सरकार का मानना है कि यह बोझ नहीं बल्कि उन लोगों के प्रति कर्ज उतारने जैसा है जिन्होंने हमारी मातृभाषा के लिए आंदोलन किया था।

Also Read:
Fastag की छुट्टी! GNSS Toll सिस्टम लागू – अगर एक्टिवेट नहीं किया तो होगी भारी परेशानी GNSS Toll System

हिंदी आंदोलन का महत्व

अगर 1957 के हिंदी आंदोलन की बात करें तो यह एक ऐसा समय था जब भारत में भाषाई पहचान को लेकर कई आंदोलन हुए थे। हरियाणा के लोग इस आंदोलन में सबसे आगे थे। वे चाहते थे कि हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में मान्यता मिले और लोगों तक उनकी अपनी भाषा में सरकारी सेवाएं पहुंचे। उन दिनों जेल जाना, भूख हड़ताल करना और विरोध प्रदर्शन करना आम बात थी। कई लोग नौकरी और परिवार की चिंता छोड़कर आंदोलन में कूद पड़े थे।

आज उन्हीं लोगों को याद करते हुए सरकार ने उनकी पेंशन में बढ़ोतरी करके यह दिखा दिया है कि उनका संघर्ष बेकार नहीं गया।

शहीद जवानों के परिवारों के लिए भी राहत

हरियाणा सरकार ने सिर्फ मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिए ही नहीं बल्कि उन शहीद जवानों के परिवारों के लिए भी बड़ी घोषणा की है जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। पहले जहां शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाती थी वहीं अब इसे बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह फैसला सेना और सीआरपीएफ के शहीद जवानों के लिए है।

Also Read:
सावधान! गाड़ी पर नहीं लगाया ये स्टीकर तो सीधे कटेगा ₹5000 का चालान – Traffic Challan Rules

यह कदम भी दिखाता है कि सरकार अब उन लोगों को प्राथमिकता दे रही है जो देश और समाज के लिए कुछ करके गए हैं।

लोगों की प्रतिक्रिया कैसी रही

इस घोषणा के बाद हरियाणा में लोगों की तरफ से मिलाजुला लेकिन ज्यादातर सकारात्मक रिएक्शन देखने को मिला है। खासकर उन परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है जिनके सदस्य कभी सत्याग्रही रहे थे। वे मानते हैं कि यह देर से ही सही लेकिन एक सही और जरूरी फैसला है।

कुछ लोगों का मानना है कि महंगाई के इस दौर में 5000 रुपये की बढ़ोतरी बहुत ज्यादा नहीं है लेकिन यह एक सम्मानजनक कदम जरूर है जो यह बताता है कि सरकार अपने लोगों को भूलती नहीं है।

Also Read:
EPS 95 पेंशनर्स का बड़ा आंदोलन! ₹9000 न्यूनतम पेंशन की मांग जोरों पर – जानिए ताजा अपडेट EPS 95 Pension Latest Update

इस योजना का लाभ कौन ले सकता है

यह पेंशन योजना सिर्फ उन लोगों के लिए है जो 1957 के हिंदी आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे और जिनके नाम सरकार की लिस्ट में दर्ज हैं। इसके अलावा यदि कोई सत्याग्रही अब जीवित नहीं हैं तो उनकी पत्नी या पति को यह पेंशन मिलती है।

पेंशन पाने के लिए लाभार्थी को पहले ही सरकार द्वारा प्रमाणित होना जरूरी होता है। अगर पहले से इस योजना में नाम दर्ज है तो नई बढ़ी हुई राशि अपने आप मिलने लगेगी।

सरकार की सामाजिक योजनाओं का विस्तार

हरियाणा सरकार इस तरह की कई योजनाओं पर काम कर रही है जो समाज के विभिन्न वर्गों को सम्मान और सहायता देने का काम करती हैं। फिर चाहे वह बुजुर्गों की पेंशन हो, विधवा महिलाओं की सहायता योजना हो या फिर शहीदों के परिवारों के लिए विशेष राहत हो।

Also Read:
कम स्कोर पर भी मिल सकता है लोन! जानिए बैंक कितने CIBIL स्कोर पर करते हैं अप्रूव Cibil Score News

सरकार का मकसद यह है कि जो लोग देश और समाज के लिए कुछ करते हैं उन्हें कभी अकेला या उपेक्षित न महसूस करना पड़े।

भविष्य की उम्मीदें

ऐसे फैसलों से उम्मीद बनती है कि आने वाले समय में और भी राज्य इस तरह की योजनाएं अपनाएंगे। यह सिर्फ वित्तीय सहायता नहीं बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव भी है जो नागरिकों और सरकार के बीच भरोसे की डोर को मजबूत करता है।

सरकार का यह फैसला न सिर्फ एक वित्तीय सहायता है बल्कि उन हजारों सपनों और संघर्षों का सम्मान भी है जो लोगों ने अपनी मातृभाषा के लिए देखा था। इस पेंशन में बढ़ोतरी से यह संदेश जाता है कि अगर कोई देश और समाज के लिए कुछ करता है तो उसका योगदान कभी भुलाया नहीं जाता।

Also Read:
पेट्रोल डीजल के कीमत हुई भारी गिरावट! जानिए आज के नए रेट – Today Petrol Diesel Price

आशा है कि ऐसे फैसले आगे भी लिए जाते रहेंगे और समाज के सभी वर्गों को उनका हक और सम्मान मिलता रहेगा।

Leave a Comment