Petrol Diesel Price – अगर आप भी हर दिन पेट्रोल पंप पर पहुंचते ही जेब ढीली होने का दुख झेलते हैं तो अब थोड़ी राहत की उम्मीद की जा सकती है। मई 2025 की शुरुआत से ही ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। इसका सीधा असर आने वाले दिनों में भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ सकता है।
ब्रेंट क्रूड और WTI क्रूड में लगातार गिरावट
1 मई 2025 को ब्रेंट क्रूड का जुलाई डिलीवरी वायदा भाव गिरकर 60 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे आ गया है। वहीं अमेरिका का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई क्रूड भी करीब 57 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है। पिछले कुछ महीनों से इसमें धीरे धीरे गिरावट दर्ज हो रही है।
क्यों घट रही है तेल की कीमतें
इस गिरावट की बड़ी वजह अमेरिकी अर्थव्यवस्था की धीमी चाल और सऊदी अरब की ओर से तेल सप्लाई बढ़ाए जाने की संभावनाएं हैं। अमेरिका की ग्रोथ 2025 की पहली तिमाही में कमजोर रही और इसके पीछे टैरिफ नीति और चीन से बढ़ता व्यापार तनाव प्रमुख कारण माना जा रहा है। दूसरी ओर, सऊदी अरब सहित OPEC+ देश उत्पादन बढ़ाने की योजना पर विचार कर रहे हैं जिससे सप्लाई बढ़ेगी और कीमतें और गिरेंगी।
क्या भारत में सस्ता होगा पेट्रोल डीजल
विशेषज्ञों की मानें तो अगर कच्चे तेल की कीमतें ऐसे ही नीचे बनी रहीं तो भारत में पेट्रोल और डीजल के दामों में दो से पांच रुपये प्रति लीटर तक की कटौती हो सकती है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है और कच्चा तेल सस्ता होने से भारत पर विदेशी मुद्रा का बोझ कम होता है। इसका फायदा आम जनता को मिलने की संभावना रहती है।
विशेषज्ञ की राय क्या कहती है
नई दिल्ली की रिसर्च फर्म एसएस वेल्थस्ट्रीट की विशेषज्ञ सुगंधा सचदेवा का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतें 55 डॉलर प्रति बैरल तक भी जा सकती हैं। मांग की कमी और बढ़ती आपूर्ति इसके पीछे की प्रमुख वजह है। उन्होंने बताया कि वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के चलते तेल की डिमांड घट रही है जो कीमतों को और नीचे ले जा सकती है।
तेल कंपनियां कमा रही हैं अच्छा मुनाफा
जानकारों का मानना है कि भारत की तेल विपणन कंपनियां फिलहाल पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर 10 से 12 रुपये तक का मुनाफा कमा रही हैं। इसके बावजूद खुदरा कीमतों में कोई बड़ी कटौती नहीं की गई है। सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर खुद के लिए अतिरिक्त कमाई कर ली है जिससे आम जनता को अभी तक सीधा फायदा नहीं मिल पाया है।
पिछले साल की तुलना में कितना सस्ता हुआ कच्चा तेल
मार्च 2024 में जब पेट्रोल डीजल के दामों में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी तब कच्चा तेल करीब 84 डॉलर प्रति बैरल था। अब वही कीमत गिरकर लगभग 61 डॉलर प्रति बैरल तक आ चुकी है यानी 25 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है। इसके बावजूद पेट्रोल डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं हुआ है जो सवाल खड़े करता है।
सरकार की नीति पर टिकी है नजर
8 अप्रैल 2025 को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने पेट्रोल का बेस प्राइस 54 रुपये 84 पैसे से घटाकर 52 रुपये 84 पैसे किया था लेकिन सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर खुद दो रुपये का लाभ ले लिया जिससे उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिली। दिल्ली में फिलहाल पेट्रोल 94 रुपये 77 पैसे और डीजल 87 रुपये 67 पैसे प्रति लीटर की दर से बिक रहा है।
OPEC+ की बैठक से साफ होगी तस्वीर
OPEC+ की अगली बैठक 5 मई 2025 को होने वाली है। इसमें यह तय किया जाएगा कि तेल उत्पादन बढ़ाया जाए या फिर कटौती जारी रखी जाए। अगर उत्पादन बढ़ता है तो कच्चे तेल की कीमतों में और गिरावट हो सकती है। इससे भारत जैसे देशों को फायदा होगा जहां तेल की मांग तो ज्यादा है लेकिन उत्पादन बहुत कम है।
भारत और चीन की मांग भी सुस्त
एनालिटिक्स फर्म केप्लर ने 2025 के लिए ग्लोबल तेल डिमांड का अनुमान घटाकर 6.4 लाख बैरल प्रतिदिन कर दिया है जबकि पहले यह 8 लाख बैरल प्रतिदिन था। भारत और चीन की तरफ से मांग कमजोर होना भी कीमतों पर असर डाल रहा है। इसके चलते ब्रेंट क्रूड की औसत कीमत साल भर में करीब 69 डॉलर और डब्ल्यूटीआई की 65 डॉलर रह सकती है।
क्या है जनता के लिए उम्मीद की बात
अगर वैश्विक बाजार में कच्चा तेल सस्ता होता रहा और भारत की तेल कंपनियों को मुनाफा मिलता रहा तो सरकार को भी जल्द राहत देने की तरफ कदम बढ़ाना होगा। अब जनता की नजर सरकार के अगले फैसले पर है कि वह इस मुनाफे का कितना हिस्सा आम उपभोक्ताओं तक पहुंचाती है।
मई 2025 में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से आम जनता को राहत मिलने की पूरी उम्मीद बन रही है। हालांकि इसका सीधा असर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर कब पड़ेगा यह सरकार की नीति और तेल कंपनियों की रणनीति पर निर्भर करेगा। लेकिन फिलहाल के हालात संकेत दे रहे हैं कि आने वाले हफ्तों में पेट्रोल डीजल कुछ रुपये सस्ता हो सकता है जो महंगाई से जूझ रही जनता के लिए बड़ी राहत होगी।