RBI Action On Bank – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह कदम उस समय उठाया गया जब बैंक की वित्तीय स्थिति अत्यधिक कमजोर पाई गई और वह ग्राहकों के जमा पैसे की वापसी की स्थिति में नहीं था। RBI के इस फैसले ने बैंक के लाखों ग्राहकों को संकट में डाल दिया है, जो अब यह जानना चाहते हैं कि उनके पैसे की सुरक्षा की स्थिति क्या है।
RBI का एक्शन क्यों?
RBI ने आधिकारिक बयान में कहा कि बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति में ग्राहकों के जमा पैसे की वापसी तक नहीं कर सकता और यदि उसे और समय दिया गया तो इससे ग्राहकों को भारी नुकसान हो सकता है। RBI ने यह भी कहा कि बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम के तहत कई नियमों का पालन नहीं किया है और उसकी पूंजी भी पर्याप्त नहीं है। यही कारण है कि 18 अप्रैल 2025 से बैंक का संचालन पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया गया है।
ग्राहकों के पैसे का क्या होगा?
यह एक बड़ा सवाल है जो सभी प्रभावित ग्राहकों के मन में आ रहा है। RBI ने इस बारे में स्पष्ट किया है कि बैंक के सभी जमाकर्ता Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) के तहत ₹5 लाख तक की जमा राशि के लिए बीमा सुरक्षा के पात्र होंगे। इसका मतलब है कि जिन ग्राहकों के खाते में ₹5 लाख या उससे कम की राशि जमा है, उनके पैसे पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्हें यह राशि वापस मिल जाएगी।
अगर किसी ग्राहक ने ₹5 लाख से ज्यादा जमा किया है, तो उस हिस्से का भुगतान बैंक की परिसमाप्तियों के आधार पर ही किया जाएगा। इस स्थिति में ग्राहकों को बैंक की संपत्ति को बेचकर अपनी जमा राशि का कुछ हिस्सा मिल सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से निर्धारित नहीं है कि वे पूरी रकम पा सकेंगे या नहीं।
DICGC से प्राप्त राशि की प्रक्रिया
RBI के मुताबिक, 98.51% ग्राहकों की जमा राशि ₹5 लाख या उससे कम है, और उन्हें DICGC के माध्यम से पूरी राशि वापस मिल जाएगी। अब तक 31 मार्च 2024 तक DICGC ने 13.94 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और बाकी ग्राहकों को भी प्रक्रिया पूरी होने के बाद बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा।
ग्राहकों को सलाह दी गई है कि वे DICGC की वेबसाइट या बैंक से संपर्क करके अपनी बीमा राशि प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी करें। हालांकि, यह प्रक्रिया कुछ समय ले सकती है, इसलिए ग्राहकों को थोड़ा धैर्य रखने की आवश्यकता है।
बैंकिंग सेवाओं का बंद होना
16 अप्रैल 2025 के बाद से कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक का संचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब बैंक से कोई नई जमा स्वीकार नहीं की जाएगी और ग्राहक अपनी जमा राशि भी नहीं निकाल सकते जब तक DICGC के तहत भुगतान प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। इसके अलावा, बैंक की अन्य सभी सेवाएं जैसे लोन, पासबुक अपडेट, फंड ट्रांसफर आदि भी बंद कर दी गई हैं।
सहकारी बैंकों के लिए चेतावनी
यह घटनाक्रम छोटे सहकारी बैंकों के लिए एक गंभीर चेतावनी है। अगर कोई बैंक अपनी पूंजी व्यवस्था और नियामकीय अनुपालन में लापरवाही करता है तो उसका यही हश्र होता है। इस मामले ने यह भी उजागर किया है कि ग्राहकों को जब भी किसी बैंक में अपनी जमा राशि रखने का निर्णय लें तो उन्हें कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए।
- सबसे पहले, DICGC बीमा सीमा की जांच करें। ₹5 लाख तक की जमा राशि पर पूरी सुरक्षा मिलती है, लेकिन अगर जमा राशि इससे अधिक है तो वह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होगी।
- इसके बाद, बैंक की वित्तीय स्थिति और विश्वसनीयता की जांच करें। यह सुनिश्चित करें कि बैंक RBI के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहा है और उसकी वित्तीय स्थिति मजबूत है।
- इसके अलावा, बैंक के पिछले रिकॉर्ड और प्रदर्शन को भी देखना चाहिए ताकि भविष्य में किसी संकट का सामना न करना पड़े।
क्या इसका असर बड़े बैंकों पर भी पड़ेगा?
हालांकि यह मामला एक छोटे सहकारी बैंक का है, लेकिन इससे बड़े बैंकों पर भी असर पड़ सकता है। ग्राहकों का भरोसा बैंकों पर बना रहे इसके लिए यह जरूरी है कि बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत हो और वे सभी नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन करें। यदि कोई बैंक लापरवाही करता है, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
क्या किया जा सकता है?
इस पूरे मामले को लेकर यह महत्वपूर्ण है कि ग्राहकों को अपनी जमा राशि और निवेश की सुरक्षा को लेकर पूरी जानकारी हो। अगर वे किसी सहकारी बैंक में पैसे जमा कर रहे हैं, तो उन्हें यह समझना चाहिए कि DICGC बीमा सुरक्षा केवल ₹5 लाख तक ही उपलब्ध है, और इसके ऊपर की राशि पर कोई सुरक्षा नहीं है। इसके अलावा, ग्राहकों को अपने पैसे को ऐसे बैंकों में जमा करने से पहले उनकी स्थिति और विश्वसनीयता की पूरी जांच करनी चाहिए।
कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द होने का मामला एक बड़ा झटका है और यह सभी बैंक ग्राहकों के लिए एक चेतावनी है कि वे अपने पैसे रखने के लिए सतर्क रहें। RBI का यह कदम यह साबित करता है कि बैंकों को अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर हमेशा सजग रहना चाहिए और ग्राहकों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी जमा राशि सुरक्षित रहे। अगर आप भी किसी सहकारी बैंक में जमा राशि रखते हैं तो अब समय है कि आप अपने पैसे की सुरक्षा के बारे में पूरी जानकारी लें और जरूरी कदम उठाएं।