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बैंकों की मनमानी खत्म! RBI ने बदल दिए निगेटिव बैलेंस के नियम – RBI Rule

RBI Rule – अगर आपका बैंक खाता भी माइनस में चला गया है या फिर कभी ऐसा हुआ है कि बैंक आपसे निगेटिव बैलेंस की रिकवरी की बात कर रहा है तो यह खबर आपके लिए राहत भरी है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने हाल ही में एक नया नियम लागू किया है जो बैंक ग्राहकों को बड़ी राहत देने वाला है। अब यदि किसी खाते में बैलेंस माइनस में चला जाता है तो बैंक उस पर न तो ब्याज वसूल पाएगा और न ही ग्राहक से जबरन पैसा मांग सकेगा।

बैंक की मनमानी पर लगा ब्रेक

अब तक होता यह था कि अगर किसी ग्राहक के खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं होता तो बैंक उस पर हर महीने चार्ज लगाता रहता था। कई बार ये चार्ज इतने बढ़ जाते थे कि खाता माइनस में चला जाता था यानी खाते में कुछ भी नहीं बचता बल्कि उल्टा ग्राहक बैंक का कर्जदार बन जाता था। और अगर ग्राहक वह खाता बंद करवाना चाहता था तो बैंक पहले उस निगेटिव बैलेंस को भरने की मांग करता था। अब RBI ने इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

निगेटिव बैलेंस पर ब्याज नहीं वसूलेगा बैंक

RBI ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी खाते में केवल मिनिमम बैलेंस न रखने की वजह से चार्ज लगे हैं तो खाता शून्य हो सकता है लेकिन बैंक उस राशि पर ब्याज नहीं जोड़ सकता। यानी खाता अब निगेटिव में नहीं जाएगा। इससे उन ग्राहकों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी जो अपनी सीमित कमाई से बैंकिंग सेवाएं ले रहे हैं और जिनके लिए हर महीने मिनिमम बैलेंस बनाए रखना मुश्किल होता है।

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अब बिना चार्ज के बंद करवा सकेंगे खाता

नई व्यवस्था के मुताबिक, अगर कोई ग्राहक माइनस में गए खाते को बंद करवाना चाहता है तो बैंक उसे ऐसा करने से नहीं रोक सकता। ग्राहक को अब कोई भी बकाया चुकाना जरूरी नहीं होगा। यह एक बड़ा बदलाव है जो ग्राहकों के हित में है।

ग्राहकों को मिलेगा फायदा

इस नियम से खासतौर पर उन लोगों को फायदा मिलेगा जो ग्रामीण इलाकों या निम्न आय वर्ग से आते हैं और जिनका खाता केवल सरकारी योजनाओं के पैसे लेने या छोटी बचत के लिए खुलवाया गया था। ऐसे खातों में अगर लंबे समय तक कोई लेनदेन न हो तो बैंक चार्ज लगाता रहता है जिससे खाता निगेटिव में चला जाता है। अब उन्हें ऐसी चिंता से मुक्ति मिल जाएगी।

बैंक अब नहीं कर सकेगा दबाव

RBI ने साफ कहा है कि कोई भी बैंक निगेटिव बैलेंस के नाम पर ग्राहक पर पैसा भरने का दबाव नहीं डाल सकता। ग्राहक अगर खाता बंद करना चाहता है तो वह इसे आसानी से बंद करवा सकता है और इसके लिए बैंक कोई चार्ज नहीं वसूल सकता।

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क्या है मिनिमम बैलेंस का नियम

हर बैंक अपने ग्राहकों से एक तय राशि के रूप में मिनिमम बैलेंस बनाए रखने को कहता है। यह राशि बैंक के प्रकार और खाता धारक की लोकेशन पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, मेट्रो शहरों में मिनिमम बैलेंस अधिक होता है जबकि ग्रामीण इलाकों में यह कम होता है। अगर ग्राहक इस राशि को बनाए नहीं रख पाता तो बैंक उस पर पेनल्टी लगा सकता है।

शिकायत कहां करें

अगर कोई बैंक इस नए नियम का पालन नहीं कर रहा है और आपसे माइनस में गए खाते की वसूली करने की कोशिश करता है तो आप इसकी शिकायत सीधे RBI के पास कर सकते हैं। RBI का उपभोक्ता सेवा पोर्टल या फिर संबंधित बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में संपर्क करके शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

RBI का यह फैसला ग्राहकों के हित में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल ग्राहकों को राहत मिलेगी बल्कि बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता और ग्राहक संतुष्टि भी बढ़ेगी। यह नियम खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो सीमित संसाधनों में बैंकिंग करते हैं और जिनके लिए हर छोटी रकम मायने रखती है। अब किसी को भी अपने खाते के माइनस में जाने की चिंता नहीं होगी और खाता बंद कराना भी आसान हो गया है।

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सरल शब्दों में कहें तो अब बैंक आपकी जेब पर और भार नहीं डाल सकेगा और आपको अपने ही खाते को बंद कराने के लिए किसी तरह की लड़ाई नहीं लड़नी पड़ेगी। यह एक सकारात्मक बदलाव है जिसे हर बैंक ग्राहक को जानना और समझना जरूरी है।

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