Train Ticket Price Update – 1 मई 2025 से भारतीय रेलवे द्वारा कुछ नए चार्जेस लागू किए जाएंगे, जो ट्रेन यात्रा को महंगा बना सकते हैं। यह बदलाव खासतौर पर उन यात्रियों के लिए असरदार होगा जो नियमित रूप से ट्रेन से सफर करते हैं। भारतीय रेलवे ने अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर करने के लिए यह कदम उठाया है और इससे यात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, इसके साथ ही यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त बोझ भी बढ़ेगा।
यह नया चार्जेस सिस्टम कुछ प्रमुख बदलावों को लेकर आ रहा है, जिनमें रिजर्वेशन चार्ज, सुपरफास्ट चार्ज और तत्काल टिकट चार्ज शामिल हैं। इसके अलावा, जीएसटी और डायनेमिक फेयर भी लागू होंगे, जिससे किराया और बढ़ सकता है। इस बदलाव का असर केवल ट्रेन यात्रा के खर्चों पर ही नहीं, बल्कि यात्रा के नियमों पर भी पड़ेगा।
रेलवे के नए चार्जेस की जानकारी
1 मई 2025 से तीन प्रमुख चार्जेस में बदलाव होने जा रहे हैं:
1. रिजर्वेशन चार्ज: पहले के मुकाबले अब रिजर्वेशन चार्ज में 10 से 20 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। यह चार्ज सभी क्लासेस के लिए लागू होगा। उदाहरण के लिए, स्लीपर क्लास में पहले जहां 20 रुपये लगते थे, अब वह बढ़कर 30 रुपये हो सकते हैं। एसी थ्री टियर में पहले 40 रुपये होते थे, अब यह बढ़कर 60 रुपये हो सकता है।
2. सुपरफास्ट चार्ज: सुपरफास्ट ट्रेनों में सफर करने पर अब यात्रियों को अधिक चार्ज चुकाना पड़ेगा। पहले यह चार्ज 15 से 75 रुपये के बीच था, अब यह 20 से 100 रुपये तक हो सकता है। यह चार्ज ट्रेन की दूरी और क्लास के हिसाब से भिन्न हो सकता है।
3. तत्काल टिकट चार्ज: तत्काल टिकट बुक करने पर अब अधिक चार्ज लिया जाएगा। स्लीपर क्लास में यह चार्ज 100 से 200 रुपये के बीच था, अब यह बढ़कर 120 से 250 रुपये हो सकता है। एसी थ्री टियर में पहले 300 से 400 रुपये होते थे, अब यह 350 से 450 रुपये तक हो सकता है।
इनके अलावा, जीएसटी (5%) और डायनेमिक फेयर भी लागू रहेगा, जिससे कुल किराया और भी महंगा हो सकता है। डायनेमिक फेयर का मतलब यह है कि कुछ ट्रेनों के किराये में वेरिएबल बदलाव हो सकता है, यानी जब मांग अधिक होगी, तो किराया भी बढ़ सकता है।
किराया कैसे तय होता है?
ट्रेन किराया कई फैक्टरों पर निर्भर करता है। सबसे पहले, बेस फेयर होता है जो दूरी और क्लास के हिसाब से तय होता है। फिर रिजर्वेशन चार्ज, सुपरफास्ट चार्ज, और तत्काल टिकट चार्ज जैसे चार्ज जोड़े जाते हैं। अगर आप एसी क्लास से यात्रा कर रहे हैं, तो आपको जीएसटी भी चुकाना पड़ेगा। इसके अलावा, डायनेमिक फेयर भी कुछ ट्रेनों में लागू हो सकता है, जिसका मतलब है कि किराया समय और मांग के हिसाब से बढ़ सकता है।
वेटिंग टिकट और बुकिंग नियमों में बदलाव
रेलवे ने वेटिंग टिकट और बुकिंग नियमों में भी कुछ अहम बदलाव किए हैं। अब वेटिंग टिकट केवल जनरल कोच में ही मान्य होगा। इसका मतलब है कि अगर आप स्लीपर या एसी कोच में वेटिंग टिकट के साथ सफर करते हैं, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा, एडवांस बुकिंग अवधि को 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दिया गया है। यह बदलाव यात्रियों को यात्रा की योजना बनाने में आसानी देगा।
टिकट कैंसिलेशन चार्ज में बदलाव
अगर आप अपना टिकट कैंसिल करते हैं, तो अब आपको नए चार्ज के हिसाब से भुगतान करना होगा। 48 घंटे से ज्यादा पहले टिकट कैंसिल करने पर, स्लीपर क्लास में 120 रुपये, एसी थ्री टियर में 180 रुपये, एसी टू टियर में 200 रुपये और एसी फर्स्ट क्लास में 240 रुपये प्रति यात्री चार्ज लिया जाएगा। 48 घंटे से कम समय में कैंसिल करने पर, किराए का 25% और जीएसटी कट जाएगा। अगर 12 घंटे से कम समय में कैंसिल किया गया, तो 50% किराया और जीएसटी कटेगा।
रेलवे किराया बढ़ने का कारण
रेलवे का कहना है कि जिन यात्रियों से किराया लिया जाता है, वह कुल यात्रा की लागत का केवल 57% होता है। बाकी 43% रेलवे खुद अपनी सब्सिडी के रूप में वहन करता है। रेलवे के पास ट्रैक, सिग्नल और सुरक्षा में निवेश के लिए अतिरिक्त फंड की जरूरत है, इसी वजह से यह चार्ज बढ़ाए जा रहे हैं।
नए चार्ज का असर किस पर पड़ेगा?
इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर उन यात्रियों पर पड़ेगा जो अक्सर ट्रेन से यात्रा करते हैं। लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को अधिक चार्ज चुकाना होगा, और तत्काल या सुपरफास्ट ट्रेनों के यात्रियों को भी सबसे ज्यादा असर महसूस होगा। इसके अलावा, एसी क्लास के यात्रियों को जीएसटी और बढ़े हुए चार्ज की वजह से अधिक भुगतान करना पड़ेगा।
1 मई से लागू होने वाले इन नए रेलवे चार्जेस का सीधा असर हर यात्री की जेब पर पड़ेगा। हालांकि, रेलवे का कहना है कि इसका उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देना और रेलवे की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना है। बावजूद इसके, इस बदलाव से गरीब और मध्यवर्गीय वर्ग के यात्रियों के लिए सफर महंगा हो सकता है। इसलिए, यात्रियों को अब ट्रेन टिकट बुक करते वक्त इन नए चार्जेस को ध्यान में रखना होगा, ताकि वे यात्रा की योजना अच्छे से बना सकें।